SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 608
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ५५० ) चरकसंहिता - मा० टी० । स्त्रोतही होते हैं । यह स्रोतही सम्पूर्ण रस, घातु, वायु आदिके अयन अर्थात गतिस्थान और अधिष्ठान होते हैं ॥ २ ॥ तद्वदतीन्द्रियाणां पुनः सच्त्वादीनां केवलंचेतनावच्छरीरमयनतदेतत्स्रोतसांप्रकृतिभूतत्वान्नविकारैरु भूतमधिष्ठानभूतञ्च पसृज्यते शरीरम् । तत्रप्राणवहानांस्रोतसां हृदयंमूलंमहास्रोतश्च; प्रदुष्टानामिदं विशेषज्ञानं भवति अतिसृष्टकुपितंसप्रति - बन्धमल्पाल्पमभीक्ष्णंवासशब्दशूलमुच्छ्रसन्तं दृष्ट्वा प्राणवहान्यस्यस्रोतांसिप्रदुष्टानीर्तिविद्यात् ॥ ३ ॥ उसी प्रकार चेतनायुक्त केवल शरीर - इन्द्रियोंका तथा मन आदिकोंका गतिस्थानं मार्गरूप एवम् अधिष्ठान होता है । यही कारण है कि सम्पूर्ण स्रोत प्रकृतिभूत होनेसे शरीर में विकारको नहीं होने देते । इनमें प्राणोंके वहन करनेवाले 'स्रोतों का मूल हृदय है और उसको महास्त्रोत भी कहते हैं । यह स्रोत जब दूषित होते हैं तब इनमें यह विशेषता होता है कि उच्छासकों, अधिक छोडे, बहुत तेज़ या रुककर थोडा २ अथवा शब्दयुक्त शूलके साथ श्वास आवे । इन लक्षणोंसे प्राणवाहक स्रोतोंको दूषित हुआ जानें ॥ ३ ॥ · - दूषित उदकवाही स्रोतके लक्षण | उदकवहानां स्रोतसां तालुमूलंक्कोमच प्रदुष्टानामिदंविज्ञानं,तद्यथाजिह्वा ताल्वोष्ठकण्ठक्लोमशोषंपिपासाञ्चातिप्रवृद्धांदृष्ट्वोदकवहान्यस्यस्रोतांसि प्रदुष्टानीतिविद्यात् ॥ ४ ॥ जलके वहन करनेवाले स्रोतोंका मूल तालु और क्लोम होता है । यदि यह स्रोत दूषित होजांय तो इनके ये लक्षण होते हैं । जैसे- जिल्हा, तालु, ओष्ठ और क्लोम ( प्यास लगानेवाली कारणभूत स्थान ) ये सूखने लगें प्यास अधिक लगे । इन लक्षणोंसे जलके वहन करनेवाले स्रोतोंको दूषित हुआ जाने ॥ ४ ॥ दूषित अन्नवाही स्रोतके लक्षण । अन्नवहानांस्त्रोतसामामाशयोमूलंवामञ्च पार्श्वम्, प्रदुष्टानान्तुख ल्वेषामिदविशेषविज्ञानंभवति, तद्यथाअनन्नाभिलषणमराचकाविपाकौछर्द्दिञ्चदृष्ट्वाअन्नवहानि स्रोतांसि प्रदुष्टानीति, - विषात् ॥ ५॥
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy