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________________ ( ४१० ) चरकसंहिता - मा० टी० । .. 'बाकी दो अध्याय संग्रह अर्थात् संपूर्ण तंत्र के संग्रह के विषय में कथन किये गये हैं । सम्पूर्ण तंत्रका शिरोभूत यह सूत्रस्थान इस प्रकार तीस अध्यायोंमें सम्पूर्ण हुआ ।। ३९ ॥ चतुष्काणांमहार्थानां स्थानेऽस्मिन्सञ्चयः कृतः । श्लोकार्थः संग्रहार्थश्च श्लोकस्थानमतः स्मृतः ॥ ४० ॥ इस प्रकार इस सूत्रस्थानमें परम योग्य विषययुक्त चतुष्कोंका संग्रह कियागया है । इसमें समस्त विषयोंका अर्थ सूत्ररूपसे संग्रह किया गया है इसलिये इसको सूत्रस्थान कहते हैं ॥ ४० ॥ इति सूत्रस्थानोक्तत्रिशतकम् । निदान स्थानके अध्यायोंके नाम | ज्वराणांरक्तपित्तस्यगुल्मानां मेहकुष्ठयोः । शोषोन्मादनिदाने चस्यादपस्मारणञ्चयत् । इत्यध्यायाष्टकमिदनिदानस्थानमुच्यते ॥ ४१ ॥ निदानस्थानमें ज्वरनिदान, रक्तपित्तनिदान, गुल्म निदान, प्रमेहनिदान, कुष्ठनिदान, शोषनिदान, उन्मादनिदान एवम् अपस्मारनिदान विषयक आठ अध्याय वर्णन किये गये हैं ॥ ४१ ॥ इात निदानस्थानोक्ताष्टकम् | विमानस्थानके अध्यायोंके नाम । रसेषुत्रिविधे कुक्षौ ध्वंसजनपदस्यच ॥ ४२ ॥ त्रिविधेरोगविज्ञाने स्रोतः स्वपिचवर्त्तते । रोगानी केव्याधिरूपेरोगाणाञ्चभिषजिते । अष्टौविमानान्युक्तानिमानार्थानि महर्षिणा ॥ ४३ ॥ विमानस्थान में - रस विमानाध्याय, त्रिविधकुक्षीय, जनपदोध्वंसनीय, त्रिविधरोग विशेष विज्ञानीय, स्रोत विमान, रोगानीकविमान, व्याधिरूपीय विमान एवम् रोगभिषग्जितीय विमान ये आठ अध्याय महर्षि अत्रियजीने वर्णन किये ४२ ॥ ४३ ॥ इति विमानाष्टकम् | शारीरस्थान के अध्यायोंके नाम । कतिधापुरुषीयञ्च गोत्रेणा तुल्यमेवच ॥ ४४ ॥ खुड्डीकामहती चैवगर्भाव क्रान्तिरुच्यते । पुरुषस्यशरीरस्यविचयौद्यौविनिश्चि
SR No.009547
Book TitleCharaka Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamprasad Vaidya
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1923
Total Pages939
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Medicine
File Size48 MB
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