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पृष्ठांक,
(१२)
चरकसंहिता. विषय
पृष्ठांक. । विषय, योग्यवृत्तिकी आज्ञा .
प्यासके रोकनेसे उपद्रव
आसू रोकनेमें उपद्रव और उपाय , ६. तस्याशितीय अध्याय ।
निद्रा रोकनेमें उपद्रव और उपाय ., मात्रा और ऋतु के अनुकूल भोजनसे
श्वास रोकनेमें उपद्रव और उपाय. लांम
वेगोंको कदापि न रोके ऋतुद्वारा वर्षको अंगकल्पना
धारण करने योग्य वेग आदान और विसर्गकालके गुणदोषं
पुण्यके लाभ शीतकालका वर्णन
व्यायामके लाभ हेमन्तमें कृत्य
अत्यंत कसरतके उपद्रव शिशिरकृत्य
शक्तिके बाहर कोई कार्य न करे हेमन्त और शिशिरके कार्य ७३
हिताहितका विचार करे वसन्तमें वमनादिकर्म धारणीय द्रव्य
वातादिकी समता विषमता तथा भोज्य पदार्थ
शरीरगत छिद्रोंका वर्णन ग्रीष्मके गुण तथा उसमें सेवनीय पदार्थ७४
मलवृद्धि आदिका ज्ञान वर्षामें जठराग्निका दुर्बळहोना "
साध्य रोगकी चिकित्सा करे पूवनका कोप
दोष दूर करने (शोधन) का समय में त्यागने योग्य कर्म
भागन्तु रोगोंका कारण में रहने के नियम
आगन्तु रोगोंकी शांति ने योग्य जल तथा हंसोदक
दूषित पुरुषके संगके दोप कसात्म्य
सेवन करने योग्य पुरुष आत्म्यका लक्षण
भोजन आदिमें नियम । ७. न वेगान्धारणीय अध्याय।
अध्यायका उपसंहार वेगों के रोकनेका निषेध
८.इन्द्रियोपकरणीय अध्याय।. मूत्रके वेगको रोकनेसे दोष " .
इन्द्रियोंका वर्णन तथा मनकी अनेकता ८९ मूत्र रुकनेपर उपाय
इन्द्रियोंके नाम, द्रव्य और अधिष्ठान ९० मळरोकनेमें रोग
" इन्द्रियोंके विषयाद मनरोकने में चिकित्सा
आध्यात्मिक द्रव्यगण वीर्यके वेगको रोकने में उपद्रव और यत्न,, इन्द्रियों में विशेपता अघोवायुके रोकनेमें उपद्रव
इन्द्रियोंके विपरीत होनेका कारण उपाय
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मनका विषय वमन रोकनेसे रोग और उनका उपाय ,, प्रकृति स्थिर रखनेके हेतु छींक रोकनेके उपद्रव और उपाय ८० सेवन योग्य सत्कार्योंका वर्णन डकारके रोकने में उपद्रव
अकर्चव्यों का वर्णन जंभाइक रोकनेमें उपद्रव
भोजन करनेके नियम क्षुधा रोकने के उपद्रव · ,
अध्ययन कालके नियम