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: सूत्रस्थान. - अ०.८...
नोच्छिष्टोनाधः कत्वाप्रतापयेत् । नाविगतक्लमोमानाप्लुतव'दनोननग्न उपस्पृशेत् । नस्नानशाटयास्पृशेदुत्तमाङ्गम् । नकेशाग्राण्यभिहन्यात् । नोपस्पृशेतएववाससीविधूयात् । नास्पृष्ट्वा रत्नाज्य पूज्य मंगलसुमनसोऽभिनिष्क्रामेत् । नपूज्यमंगलान्यपसव्यं गच्छेत् । नेतराण्यनुदक्षिणम् ॥ २२ ॥
राग और द्वेष के कारणों को न रहनेदे । झूठ न बोले । पराई वस्तु न लेवे । परस्त्रीकी कभी भी इच्छा न करे । परसंपत्ति देखकर डाह न करे। किसीसे विरोध न करे । पाप न करें । पापीसे भी पाप न करे । किसीके भी दोष अपने मुखसे न कहे किसीकी भी गुप्त बात को प्रगट न करे ॥ १९ ॥ अधर्मी और राजद्रोही पुरुषके पास भी न जाय । उन्मत्त, पतित, भ्रूणहत्यारे (गर्भगिराने वाले ), और क्षुद्र तथा दुष्ट पुरुषों का संग न करे । खराब घोडे आदिपर सवारी न करे । जानु ( गोड़े, ) ओंधे करके अथवा जिस तरह बैठनेसे कष्ट हो वैसे न बैठे ॥ २० ॥ जिस शय्यापर - वस्त्र न बिछा हो, और ओढनेको कपडा न हो, तथा जो लम्बी चौडी ठीक न हो, और नष्ट भ्रष्ट हो तथा 'टेढी दो ऐसी शय्यापर शयन न करे । पर्वत और पर्वतों की खराब घाटियोंपर न चढे । वृक्षपर न चढे । अधिक वेगवाली चढी हुई नदीमें स्नान न करे.. अपने कुलकी छाया या बेरीके वृक्षकी छाया में न बैठे । अग्नि लगे -स्थान में न जाय ऊंचे स्वरसे न हँसे । सभा आदिमें अपान वायुका शब्द न करे । -मुखको बिना ढके जंभाई, छीक, हास्य न करे । नाकको न कुरेले । दातोंको न कटकटावे | नखोंको न बजावे, हड्डियोंको हनन न करे, (मटकावे नहीं), पृथ्वीको न कुरेले । तिनके न तोडा करे । वृथा मट्टीके डेले न फोडाकरे ॥ २१ ॥ दुष्टाचारी मनुष्यों का संग अथवा उनसे कोई व्यवहार न करे । तेज, ज्योति, अग्नि, पवित्र और निंदितों के सामने न देखे । मुर्देको देखकर हुंकार न करे ! चैत्यस्थान ध्वजा, गुरु, माता पिता आदि पूज्य जनोंकी छायाको और खराब छायाको उलंघन न करे । रात्रिमें - देवालय, चैत्य, आंगन, चतुष्पथ, बाग, श्मशान और हिंसाको भूमिमें न रहे । शून्य स्थान अथवा शून्य वनमें अकेला न जाय । पापवृत्तिवाले -स्त्री, मित्र, नौकर, आदिको अपने पास न रक्खे । भद्रपुरुषोंसे विरोध न करें । कुटिल पुरुषका संग न करे । कपटी पुरुषसे मेलजोल न करे | खोटे पुरुषका आश्रय न लेय। किसीको भी भय न देवे । वहुत साहस बहुत सोना, बहुत जागना, बहुत स्नान करना, बहुत पानी और बहुत भोजन करना उचित नहीं, अर्थात् इनको बहुत न करे । जानुओंको ऊपरको कर
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