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रेखा विचार. मणिबंधथी नीकळी अंगुठा भणी जली होय तो राज्य सुखवाळो सेनापति, धनवान, आवरदा मध्यम जाणवो. तर्जनी तरफनी होय तो राजनोकरी, मध्यमा तरफनी होय तो धनवान, कीर्तीवाळो; अधिकारी, लीडर बाळ बच्यां वाळो कुटुंबी. अनामिका तरफनी तो वेद विद्या जाणनार, बुद्धिशाळी, उदार, सुखी, हुनर जाणनार, शोधखोळ करनार, जाडी रेखा होय तो भाग्यशाळी, पातळी रेखाओ होय तो निर्धनी थाय
लाईफ लाईन-आयुष्य रेखा. __ तर्जनी अने अंगुठानी बचमाथी नीकळीने मणीबंध सुधी जाय छे. ते आयुष्य रेखा छे, बेउ हाथमां अंतःकरण रेखा न होय तो अकस्मात मृत्यु थाय छे, कंईक कंईक तुटेली आयुष्य रेखा होय तो युवानीमा मृत्यु थाय. जे स्थाने पातळी पडती होय ते वरसमां मांदगी आवे, ते रेखा उपर गुरुना स्थाने तारा जेवू चिन्ह होय तो मातानुं मृत्यु जलदी थाय. मंगळना स्थानमा होय तो पितार्नु मृत्यु. शुक्र स्थान नजीक रेखा पुरी थाय तो नाजुक शरिर रहे. गौरी नामनी रेखा होय तो १०० वर्ष, रमा नामनी रेखा होय तो ३३ वर्ष, परगुढा होय २० वर्ष, भोगदामा ६ वर्ष, गजरेखामा ५० वर्ष, सुभद्ररेखामा ८५ वर्ष, कुमुखी रेखामा २५ वर्ष, सर्व सौख्यनाशीनी रेखा होय. तो २ वर्ष. पांसुलारेखामां ५ मास, अनंतामां बे मास, तुरंगीमा १५ वर्ष वासवीमा ७० वर्ष, चंपकीमा १८ वर्ष, चपलबदनामा ४३ वर्ष, आयुष्य होय छे विगेरे घणा प्रकारनी रेखाओ छे तेथी उमरमा वरस नक्की थाय छे गौरी रेखा के निगुढा रेखा होय तो वदीमां जन्म; परगुढा रेखा के संगुढ रेखा के विगुढ रेखा होय तो शुदिमां जन्म जाणवो.
मासज्ञान.. जेना हाथमां मृगीगती के नागी नामनी के व्याघ्रविलासलीला रेखा होय तो जन्म चक्रना अंकमांथी १६५९ बाद करतां जे शेष रहे ते मास
"Aho Shrutgyanam"