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( २८ )
होय ते गाय विगेरेनो मालकी थाय. अने वृषभनु चिन्ह होय ते सेनापत्ति थाय.
जेना हाथमा साथियानु चिन्ह होय तेने जे चाहेते मले.
जिना हाथमां भद्रासननु चिन्ह होय तो ते श्रेष्ठ राज्याभिषेक ने प्राप्तकरे अर्थात् राजा थाय, तथा हाथी छत्र चामर विगेरेनु चिन्ह होय तो अपरंपार सुख भोगवे.
जेना हाथमां मकरनु चिन्ह होय ते हजारों रुपियानों मालिक थाय, तथा पद्मनु चिन्ह होय तो लक्षाधिपति, तथा शंखनु चिन्ह होय तो दशक्रोड रुपीया तथा पद्मचक्रनु निशान होय तो ते बधानो पाठक संम्राट राजा थाय.
जैना हाथमां सम्पूर्ण शंख पद्म भद्रासननु चिन्ह होय तेने घणुज धन
महे.
तथा जेना हाथमां स्पष्ट चिन्ह न होय, छेदाअल भेदावेन चिन्ह होय, रुक्ष हाथ होय तो तेने कोइपण जातनु फल न मले, तथा धनहानी थया करे.
जेना हाथ मां एकज लक्षण होय, पण स्पष्ट लक्षण होय छेदायेल भेदायेल न होय तो तेने सर्वत्र लक्ष्मीमले, तथा सन्तति घणीज होय मंगल हमेषा होय.
बंदिरेखा --
जेना हाथना अंगूठाना मध्यमां क्यारानु चिन्ह होय ते. आदमी सुखी रहे, राज्यपदवीने भोगवे, तथा लक्ष्मीवान होय अने ते क्यारानी रेखामां 'जेटली रेखा होय तेटली वारबंधन थाय- जेल भोगवे तथा क्षत्रियना हाथमां होय तो राज्यमले, तथा बीजाना हाथमां होय तो सौभाग्य पामे.
जेना हाथमां जीव रेखा होय तेनाथी जेटला फांटा निकलेल होय, तथा ते अखण्ड होय तेटली धनवृद्धि थाय.
जेना हाथमां अंगूठानी नीचे कागडाना पगनु चिन्ह होय ते माणास
"Aho Shrutgyanam"