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श्रीजिनप्रभसूरिविरचित
विविध तीर्थकल्प
fभन्न भिन्न पाठभेद और विशेषनामानुक्रम समन्वित मूल ग्रन्थ; सरल और सारगर्भित हिन्दी भाषान्तर; ऐतिहासिक और भौगोलिक वस्तु विवेचक अनेकानेक टिप्पनियों द्वारा सुविवेचित; तथा सुविस्तृत प्रस्तावना समलङ्कृत
सम्पादक
जिन विजय
जैन वाङ्मयाध्यापक, विश्वभारती. शान्तिनिकेतन
प्रथम भाग
विविधपाठान्तर - विशेषनामानुक्रमादियुक्त मूलग्रन्थ
वक्रमाब्द १९९० ]
प्रकाशक
अधिष्ठाता, सिंघी जैन ज्ञानपीठ.
शान्तिनिकेतन. (बंगाल)
प्रथमावृत्ति, एक सहस्र प्रतिः
[ १९३४ क्रिष्टान्द