________________
Version 001: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates
पाठ सातवाँ
भगवान नेमिनाथ
बहिन – भाई साहब! सुना है भगवान नेमिनाथ अपनी पत्नी राजुल को
बिलखती छोड़कर चले गये थे। भाई - भगवान नेमिनाथ तो बालब्रह्मचारी थे। उनकी तो शादी ही नहीं हुई
थी। अतः पत्नी को छोड़कर जाने का प्रश्न ही नहीं उठता। बहिन – फिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं ? भाई - बात यह है कि नेमिकुमार जब राजकुमार थे तब उनकी सगाई
जूनागढ़ के राजा उग्रसेन की पुत्री राजुल ( राजमति) से हो गई थी। पर जब नेमिकुमार की बरात जा रही थी तब मरणासन्न निरीह मूक पशुओं को देख, संसार का स्वार्थपन और क्रुरपन लक्ष्य में आते ही, उनको संसार और भोगों से वैराग्य हो गया था। वे आत्मज्ञानी तो थे ही, अत: उसी समय समस्त बाह्य परिग्रह माता-पिता, धन-धान्य, राज्य आदि तथा अंतरंग परिग्रह राग-द्वेष का त्यागकर नग्न दिगम्बर साधु हो गये थे। बरात छोड़ गिरनार की तरफ चले गये थे।
इसी कारण लोग कहते हैं कि वे पत्नी राजुल को छोड़ गये।
२८
Please inform us of any errors on rajesh@ AtmaDharma.com