________________
आभाणकजगन्नाथः
५१.दीना(३९)।----------------४५ ७८.मुधा घोषणा(३)।---------६६ ५२.अभिमानलेशेनापि हीना(४)।-४७ ७९.मुर्या:(७०)।------------६६ ५३.दृष्टिभेद(४)।----------------४७
८०.रहस्यम्(३)।-------------७१ ५४.धनमहिमा(९)।------------४८ ८१.वार्धक्यम्(३)।------------७१ ५५.स्थानमहिमा(४)।----------४८ ८२.सादृश्यम्(२५)।-----------७१ ५६.कालमहिमा(११)।---------४९
८३.वैसादृश्यम्(५५)।---------७३ ५७.अन्नमहिमा(६)।-----------४९ ८४.दर्पण:(८)।-------------७६ ५८.धर्मः(७)।---------------५०
८५.व्यवहार (१३)।-----------७६ ५९.पुण्यं पापं च(१९)।---------५०
८६.विद्या(२९)।-------------७८ ६०.फलज्यौतिषम्(९)।---------५१ ८७.ग्रन्थो मूलं व्याख्या च(१२)।---७९ ६१.गर्व:(२९)।--------------५२
८८.संशोधनं,ग्रन्थसंपादनं च(११)।-८० ६२.सामर्थ्यहीनता(२२)।--------५४
८९.सुभाषितम् (२२)।----------८१ ६३.धाष्टयम्(८)।------------ ६४.धूर्ताः(२६)।-------------
९०.आभाणकः(१८)।----------८२
९१.वाग्व्यवहार (१०)।---------८३ ६५.नाटकम्(२१)।------------
९२.संगीतम्(२०)।-----------८४ ६६.कृतज्ञता(३)।------------ ६७.सञ्जना(१२)|----------
९३.अभावुका३(२)1-----------८६ ६८.सभ्या(६)1-------------६०
९४.संघटना(१६)।------------८६ ६९.स्मितम्(५)।-------------६१
९५.योगः(१२)। -------------८७ ७०.कृतघ्नता(१३)।------------६१
१६.दर्शनम्(३१)।-------------८८ ७१.नीचा३(३३)।-------------६२
९७.आशिषः(१२)। ------------९१ २ उत्कष्टा अपकष्टाच1ि1-...- उपसंहारः -----------------९२ ७३.अधिकारिण:(७)।---------६४ विषयाणाम् अकारादिसूचिका----९७ ७४.मध्यमा(५)।------------६५ आभाणकानामकारादिसूचिका ----९८ ७५.पक्षपात(४)।------------६५ पादटिपणीषु विवृतानां ७६.धीराः(२)।--------------६५ शब्दानाम् अकारादिसूचिका -११८ ७७.मद्यपानम्(४)।-----------६६ आभाणकानामाहत्य संख्या ----१२५
सूत्रप्राया प्रासरम्या सदाा
सोत्यासोक्तिः कन्नडाभाणकीया। शैली नीतिस्फोरणायात्तजन्मा नव्यग्रन्थोत्पादने देशिका मे ॥ आभाणकजगन्नाथे चाकचिक्येन चेतने । प्रत्यग्रं स्पन्दते नाडी पुराणी चिरयौवना ॥
१.इदं हि जीवनम्
अन्धतामिस्र ज्योतिरिङ्गण आस्फालयति पक्षौ। इतो न लग्नम्, अतो न भग्नम् । कुम्भकारस्य कृपा नाम शिरसि मृदाऽभिषेकः । कोलः कथं चलतु केनिपातनं विना ?
गजोन्नतिदर्शनेन निजोन्नतिर्न । ६. तैलिकस्य दयाहेतो? शिरः किं शीतलायते ? ७. पङ्क एव पङ्कजस्य पिता। *चेतने-सजीवे । १.१.अन्धतामिस्र-निबिडेऽन्धकारे । १.४.कोला-उडुपम्। केनिपातनम्-अरित्रम्(उडुपस्य जले नोदनायोपयुज्यमानो दण्डाकारका सामग्रीविशेष:)। १.६.तैलिकस्य-तैलेन आजीविका निर्वहतः ।