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________________ ॐ४ श्री नवकार महामंत्र कल्प ॥ सर्पभयहर मंत्र ॥ ॐ ही अहँ अ. सि. आ. उ. सा. अनाहत विजये अर्ह नमः ||२७|| इस मंत्र की साधना करे तब प्रतिदिन सुबह, दोपहरको और सायंकालको स्मरण करे और प्रत्येक दीवालीके दिन १०८ जाप करे तो यावज्जीव सर्पका भय नही होगा । || लक्ष्मीप्राप्ति मंत्र ॥ 9 ॐ ह्रीं हूँ णमो अरिहन्ताणं हौ ननः ॥ ५८ ॥ इस मंत्र का नित्यप्रति एकसौ आठ जाप करने से लक्ष्मी प्राप्त होती है सुख मिलता है और द्रव्य आता है। ॥ कार्यसिद्धि मंत्र ॥ ॐ ह्रीं श्री क्ली क्लौ ब्लू अर्ह नमः ||१९|| इस मंत्रके जापसे सर्व कार्यकी सिद्धि होती है, साधन करते समय इक्कीस हजार जाप करना चाहिए बादमें एक माला नित्य गिनना चाहिए ।
SR No.009486
Book TitleNavkar Mahamantra Kalp
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year1942
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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