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श्री नवकार महामंत्र-कल्प स्मरण अवश्य करना चाहिए यह मंत्र मनोवाञ्छित फलके देने वाला है। ___इस महामंत्रका आदि करता कोई नही है, यह तो अनादी है।आगे कई चोविसियां हो चुकी और अब भविष्यमें होंगी लेकिन यह मंत्र इसी रुपमें था और रहेगा। __ इस महामंत्रके लिए इस प्रकरणमें मंगलरुप चवदापूर्वका सार, दशपूर्वसे उद्धरित चिंतामणीरत्नके समान जिसके एक अक्षरके जापसे भी अपूर्व लाभ विशेष संख्याके जापसे मोक्ष सुखका मिलना,
और अनेक प्रकारके कष्टका क्षय होना व किस जगह किस समय स्मरण करनेका संक्षिप्त वयान मूल सूत्रोंके पाठ सहित बताया गया जिससे यह प्रतीति होजाती है कि यह मंत्र अपूर्व है । हर एक मंत्रके मानने म चार प्रतीति-यर्थात् साक्षी हो तो उस पर विश्वास जम जाता है। (१) एक तो शास्त्रकी साक्षी, (२) दूसरे गुरु महाराज या शास्त्रवेत्ता-कर्ता पर श्रद्धा, (३) तीसरे वृद्ध जन आदिकी परम्परागत साक्षी, और (४) चोथे निजका आत्मविश्वास, यह चारोंही