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श्री नवकार महामंत्र - कल्प
मानी रंगके कपडे, आसन और माला लेवे। किसी कार्यमें पश्चिम दिशा व कपडे आसन माला पीले रंगकी लेना बताया है ।
संकल्प करके जाप करे और पूरे होने पर किसी उत्तम पृरुषकी साक्षीमें उत्तर क्रिया याने सिद्धि करना चाहिए । सिद्धि क्रियाके अलग अलग विधान हैं क्रिया करानेवाला पुरुष योग्यता रखता हो उस प्रकार सिद्धि क्रिया करावे । सिद्धि क्रियामें पोडांश जाप तो अवश्य करे, समय अर्द्धरात्रिका, पिछली रात्रिका और प्रतिष्ठा आदिमें तो जो भी समय मिले उत्तम माना गया है । सिद्धि क्रियाके बाद इक्कीस जाप तो नित्य करना चाहिए, और विशेष कार्य हो तब अधिक जाप करके कार्य सिद्ध करे, साथ ही ध्यान रखे कि क्रिया शुद्ध है तो कार्य भी सिद्ध है । इस प्रकार संक्षेपसे विधान बताया गया है अधिक जानने की इच्छावालों को गुरुगमसे जानना चाहिए । यही अंतिम निवेदन है ।
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