________________
गाथा १०
जैसे वृक्ष का
वृद्धि नहीं होती
११ का मल नष्ट होने पर
स्कन्ध, शाखा,
पत्र आदि परिवार का
वैसे ही जो जिनदर्शन से भ्रष्ट हैं वे मूलविनष्ट हैं, उनके सिद्धि नहीं होती।
अपनी आत्मा में एकत्व, ममत्व व कर्तृत्व आदि न करके परद्रव्य में एकत्व, ममत्व, कर्तृत्व व सुख दुःख आदि की
जिसकी मान्यता है वह जिनदर्शन से भ्रष्ट है।
१-६१