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अंतिम सूक्ति
इस
PEHARIVARIANTARATHI
मोक्ष पाहु
को पढ़कर जो ज्ञान की भावना में तत्पर होकर, सुरत अर्थात् भली प्रकार लीन होता है 23
वह मोक्ष पाता है।
EPARATOPPHIARRHITSORINEMALARTHROPHETRATHIMHARATREATMAITHATIHAHIRATRAPATRAITHIMITRATRAPARIERATHIPHABARRAHARIHARATIBAPHIBAIRATRINARIEDANTIBIPHLABEATRE
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मोक्ष पाओ
६-१२२
(मोक्षपाहुड समाप्त