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आभार मानते हैं। मुद्रण व्यवस्था सदा की भाँति विभाग के प्रभारी अखिल बंसल ने सम्हाली है अतः वे भी बधाई के पात्र हैं।
जिन महानुभावों ने इस कृति को अल्पमूल्य में जन-जन तक पहुँचाने हेतु अपना आर्थिक सहयोग प्रदान किया है वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं।
अध्यात्मप्रेमी समाज अपने दैनिक पाठ में इसे स्थान देकर लोकप्रिय बनाने में तो सहयोग दे ही रहा है, इसके चिन्तन-मनन से अपने जीवन को भी सार्थक बनावें - इसी आशा के साथ!
१२ नवम्बर,
२००४
ब्र. यशपाल जैन प्रकाशन मंत्री