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________________ प्रकाशकीय आध्यात्मिकसत्पुरुष श्री कानजी स्वामी के मंगल सान्निध्य में गठित संस्था श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट, मुम्बई मुमुक्षु समाज की सांसद संस्था है। ट्रस्ट के पवित्र उद्देश्य एवं योजनाएँ इसप्रकार हैं - 1. प्राचीन दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्रों का सर्वेक्षण विकास एवं जीर्णोद्धार। 2. जीवंत तीर्थ जिनवाणी की सुरक्षा एवं अप्रकाशित ग्रंथों का प्रकाशन। 3. जैनदर्शन के शास्त्री विद्वान् तैयार करने हेतु महाविद्यालयों का संचालन। 4. आध्यात्मिक शिक्षण शिविरों का आयोजन एवं सहयोग। 5. जैनधर्म की प्रभावना एवं आत्मसाधना हेतु विभिन्न संस्थाओं को आवश्यक जिनमंदिर एवं स्वाध्याय भवन के निर्माण में सहयोग। 6. शिक्षा एवं चिकित्सा हेतु साधर्मी भाई-बहिनों को अनुदान। उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इस संस्था द्वारा श्री समयसार, नियमसार, प्रवचनसार, अष्टपाहुड, सम्यग्ज्ञानचन्द्रिका भाग 1,2,3, नाटक समयसार, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, पंचास्तिकाय, इष्टोपदेश, समाधितंत्र एवं अंग्रेजी में मोक्षमार्गप्रकाशक आदि अनेक ग्रंथों का प्रकाशन किया गया है। इस संस्था द्वारा जयपुर में श्री टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धान्त महाविद्यालय की स्थापना की गई एवं उसका संचालन गत 33 वर्ष से हो रहा है। अभी तक 550 से अधिक विद्वान जैनदर्शन में शास्त्री बनकर तत्त्व प्रचार-प्रसार में संलग्न हैं। इसी श्रृंखला में श्री सम्मेदशिखर की धरा पर 4 एकड़ भूमि क्रय करके इस संस्था के द्वारा 'श्री कुन्दकुन्द कहान नगर' की स्थापना करके उस पर श्री 1008 पार्श्वनाथ जिनमंदिर, मानस्तंभ, स्वाध्याय भवन आदि धर्मायतनों के साथ-साथ विश्रांतिगह के 108 कमरों के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था। मुमुक्षुओं की इस चिर प्रतिक्षित महामंगल योजना का आत्मार्थी मुमुक्षु समाज के साथ-साथ देश की सकल दिगम्बर जैन समाज ने स्वागत किया है। जैन समाज की इस भावना के सम्मान हेतु ट्रस्ट के द्वारा श्री सम्मेदशिखर वंदनारथ तैयार किया गया। इसका प्रवर्तन देश के राज्यों, शहरों, नगरों एवं गाँव-गाँव में करने की योजना बनायी गई, रथ का शुभारम्भ मध्यप्रदेश की धर्मनगरी सागर शहर में रविवार, 17 जनवरी 2010 को किया गया। शिखरजी रथ का प्रवर्तन देश के विभिन्न राज्यों के 200 ग्राम-नगर में हआ है। समाज में तीर्थ भक्ति एवं अध्यात्म के संदेश पहुँचाने में हमें आशातीत सफलता मिली है। अब कुन्दकुन्द कहान नगर के निर्माण का कार्य प्रायः पूर्ण हो गया है। श्री पार्श्वनाथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव शिखरजी तीर्थ की तलहटी मधुवन में दिनांक 24.11.2012 से 29.11.2012 तक उत्साह एवं भक्तिपूर्वक मनाया जा रहा है। प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन अवसर पर इस प्रतिष्ठा पूजाञ्जलि का प्रकाशन कर श्री कुन्दकुन्द कहान तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट गौरवान्वित है। सभी साधर्मीजन इसका पूर्ण लाभ लेवें - यही पवित्र भावना है। ट्रस्ट परिवार शासन की सेवा करने को तत्पर रहेगा। शिखरजी, दिनांक : 24.10.2012 अध्यक्ष महामंत्री बाबू जुगलकिशोर 'युगल' वसंतलाल एम. दोशी
SR No.009468
Book TitlePratishtha Pujanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAbhaykumar Shastri
PublisherKundkund Kahan Digambar Jain Trust
Publication Year2012
Total Pages240
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, M000, & M005
File Size1 MB
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