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__ मैं ही दुनिया का कर्ता-धर्ता हूँ, ऐसा अभिमान मत करो | पैदा होते ही एक झाड़ी में फेक दी गयी कन्या पीछे भारत-सम्राट जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ बनी । किसने किया उसका पालन-पोषण? विमान से गिरे हनुमान की किसने की रक्षा? यह संस्था मेरे बिना न चलेगी-यह कहते-कहते अनेक चले गये, पर वह संस्था ज्यों-की-त्यों चल रही है। पिता के अनेक उपाय करने पर भी मैना सुन्दरी का भाग्य किसने बनाया? मेरे द्वारा कुटुम्ब का पालन-पोषण होता है, इस मिथ्या अभिमान को छोड़ दो। ____ अहंकार के कारण ही व्यक्ति अपन को दुनिया का कर्ता-धर्ता मानता है। कुत्ता गाड़ी के नीचे चलता है और सोचता है कि गाड़ी मेर ऊपर चल रही है, यदि मैं खिसक जाऊँ गाड़ी नीचे आ जायेगी। एसा ही दुनिया का अहंकार है | अहंकारी व्यक्ति सोचता है यदि हम नहीं रहेंगे तो यह दुनिया नहीं चलेगी।
एक बुढ़िया के पास एक मुर्गा था । मुर्गा बोलता था, सुबह हो जाती थी। उस बुढ़िया को सारे नगरवासी चिढ़ाते थे। एक दिन नगरवासियों ने जरा जार से चिढ़ा दिया। बुढ़िया विनय को भूलकर अहंकार में चली गई और बोली-'तुम मुझे चिढ़ाते हो? मालूम नहीं, मेरा मुर्गा बोलता है, इसलिए सबरा होता है? यदि तुमने ज्यादा गड़बड़ की तो मैं मुर्गे को बोलने नहीं दूंगी और तुम सब लोग अंधरे में बैठे रहोगे?' लोगों ने और ज्यादा चिढ़ा दिया | उसने कहा-आज तो मैं इस नगरवालों को मजा चखाऊँगी। और उसने अपना मुर्गा उठाया और चली गई दूसरे गाँव में | वहाँ जाकर मुर्गा बोला और सबेरा हो गया। बुढ़िया कहती है-अब आ रही होगी उनको मेरी याद, क्योंकि मुर्गा यहाँ बाला तो यहाँ सबेरा हो गया और वहाँ मुर्गा है नहीं, इसलिए वहाँ पर अंधकार हागा | अब आयेंगे व सब लोग मेरे
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