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ਚਿੱਤਰ ਨੰਬਰ 3
ग्राम चोरसिदान के बन में श्री जिनचन्द्र सरि जी महाराज संघ के साथ विचर रहे थे। वहां पर डाक लोग आगये तो श्री संघ घबरा गया उस समय गुरुदेव ने कोटाकार | रेरवा रवीची जिससे डाक संघ को ना देख सके और संघ ने सबको देवा ।
ਡਾਕੂਆਂ ਤੋਂ ਸੰਘ ਦੀ ਰੱਖਿਆ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਅਚਾਰਿਆ
ਸ੍ਰੀ ਜਿੰਨ ਚੰਦਰ ਸੂਰੀ ਜੀ ਮਹਾਰਾਜ