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पूर्व : सुबह 5:00 से 6.00 बजे के समय सूर्य पूर्व कोने की तरफ होते हैं। इस कोने में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर पुरूषों को गम्भीर बीमारी, भय लगना, मान-सम्मान व धन की कमी, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, संतान न होना व गर्भपात होना संभव है।
इस कोने में शाफ्ट / डक्ट / खुला स्थान होने पर निर्माण में यह कोना कटने से यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाएँगे। इसे आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो यही प्रभाव लागू होंगे।
ब्रह्मस्थान : ब्रह्मस्थान में बोरिंग, सेप्टिक टैंक / गढ्ढा व स्तम्भ का निर्माण होने पर पूरा परिवार परेशान रहेगा व वंशबृद्धि नहीं होगी ।
इस भाग में शाफ्ट / डक्ट / खुले स्थान को आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो यही प्रभाव लागू होंगे।
साउथ-वेस्ट : दोपहर 03:00 बजे के समय सूर्य साउथ-वेस्ट में होते हैं। इस भाग में मुख्य द्वार, बोरिंग सेप्टिक टैंक / गढ्ढा, शाफ्ट / डक्ट / खुला स्थान होने पर घर के मुखिया, पहली व पाँचवीं संतान बीमार बुरी आदतें घर से बाहर रहना, अपराधी होना, जेल जाना, एक्सीडेंट व मृत्यु भी संभव है।
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साउथ-ईस्ट : सुबह 10:00 बजे के समय सूर्य साउथ-ईस्ट भाग में होते हैं। इस भाग में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, मुख्यद्वार, बोरिंग, सेप्टिक टैंक / गढ्ढा, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर महिलाएँ बीमार, कर्जे, झगड़े, मानसिक अशान्ति, आग व चोरी की घटनाएँ, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, दूसरी व छठी संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे ।
इस भाग में शाफ्ट / डक्ट / खुले स्थान को आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो यही प्रभाव लागू होंगे।
साउथ : दोपहर 01:00 बजे के समय सूर्य दक्षिण कोने में होते हैं। इस कोने में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, बोरिंग, सेप्टिक टैंक / गढ्ढा, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर महिला व स्त्री संतान बीमार, मान-सम्मान में कमी, स्वभाव चिड़चिड़ा होगा व मानसिक अशान्ति रहेगी।
वेस्ट : शाम 06:00 बजे के समय सूर्य पश्चिम कोने में होते हैं। इस कोने में मुख्यद्वार, बोरिंग, सेप्टिक टैंक / गढ्ढ़ा होने पर घर के मुखिया व पुरूष संतान बीमार, बुरी आदतें, घर से बाहर रहना, अपराधी होना, जेल जाना, एक्सीडेंट व मृत्यु भी संभव है। टाँड परछत्ति, अलमारी, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर मुखिया घर से बाहर रहेगा ।
इस कोने में शाफ्ट/डक्ट / खुला स्थान होने पर यह कोना कटने से यही प्रभाव लागू होंगे। इसे आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 2 फीट से अधिक हो जाती है या छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि है तो घर का मुखिया घर से बाहर रहेगा ।
दोष का समाधान
आखरी छत या चारदीवारी के अंदर साउथ-वेस्ट की दीवार के साथ दिखाए अनुसार निर्माण कर सकते हैं। इससे कोई वास्तु दोष नहीं होगा । ध्यान रहे कि यह निर्माण किसी भी कोने से नहीं सटना चाहिए ।
इस कोने में शाफ्ट / डक्ट / खुला स्थान होने पर निर्माण में यह कोना कटने से यही प्रभाव लागू होंगें। इसे आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो यही प्रभाव लागू होंगे ।
ध्यान रहे कि दक्षिण में साउथ-ईस्ट की तरफ मुख्यद्वार होने पर यही प्रभाव लागू होंगे ।
नार्थ-वेस्ट : शाम 07:30 बजे के समय सूर्य नार्थ-वेस्ट में होते हैं। इस भाग में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, मुख्यद्वार, बोरिंग सेप्टिक टैंक / गढ्ढा, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर महिलाएँ बीमार, कर्जे, झगड़े, मानसिक अशान्ति, दीवालिया होना, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, तीसरी व सातवीं संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे ।
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इस भाग में शाफ्ट/डक्ट / खुले स्थान को आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो यही प्रभाव लागू होंगे ।
उत्तर : सूर्य जिस कोने में नहीं जाते हैं वह उत्तर कोना है। इस कोने में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर धन की कमी, महिलाएं बीमार, मान-सम्मान में कमी, स्वभाव चिड़चिड़ा होगा व मानसिक अशान्ति रहेगी । इस कोने में शाफ्ट/डक्ट / खुला स्थान होने पर यह कोना कटने से यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाएँगे । इसे आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो भी यही प्रभाव लागू होंगे।
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चारदीवारी
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पहली मंजिल
सड़क
S
ग्राउन्ड
फ्लोर