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________________ संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें (83) देखें www.dwarkadheeshvatu.com सूर्य की स्थिति समय के अनुसार देखकर भवन में वास्तु दोष और उनके समाधान जानने की विधि दिशा प्लॉट भवन की आखरी छत पर और चारदीवारी के अंदर किसी भी कोने में (चाहें सड़क किसी भी तरफ हो) दिखाई गई पहली मंजिल जगहों में कोई निर्माण, वजन, भारी मशीन या तिरपाल w इत्यादि से ढके होने पर गंभीर प्रभाव होते हैं। ग्राउन्ड चारदीवारी फ्लोर S सड़क सड़क चाहें किसी भी तरफ हो, शेड द्वारा दिखाए गए स्थानों में वास्तु दोष होने पर इसका आंशिक या गम्भीर प्रभाव होता है। नार्थ-ईस्ट : सुबह 5.00 बजे के समय सूर्य नार्थ-ईस्ट कोने की गलत द्वार तरफ उदय होते हैं। इस कोने में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर घर ENW सुबह के कमाने वाले सदस्य और पूरा परिवार परेशान, बीमार, प्रगति न A07:30 होना, धन की कमी, मान-सम्मान में कमी व पहली और चौथी संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे। ब्रह्मस्थान | इस कोने में शाफ्ट/डक्ट/खुला स्थान होने पर निर्माण में शाम/w | सुबह यह कोना कटने से यह प्रभाव कई गुना बढ़ जाएँगे। इसे आखरी 106:00 06:00 AM ब्रह्मस्थान छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो भी यही प्रभाव लागू होंगे। गलत 777 / / 05:007 शाम Swi PSRTद्वार IMसुबह पूर्व : सुबह 6:00 बजे के समय सूर्य पूर्व भाग में होते हैं। इस भाग 04:00ZZ 10:007 में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की शाम दोपहर सुबह टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर पुरूषों को गम्भीर बीमारी, भय 02:00 01:00 12:00 लगना, मान-सम्मान व धन की कमी, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, संतान न होना व गर्भपात होना संभव है। इस भाग में शाफ्ट/डक्ट/खुला स्थान होने पर निर्माण में यह भाग कटने से यही प्रभाव लागू होंगे। इसे आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है तो भी यही प्रभाव लागू होंगे। ध्यान रहे कि पूर्व के मध्य में दिखाए अनुसार लाईन से साउथ-ईस्ट की तरफ मुख्य द्वार, बोरिंग/सेप्टिक टैंक/ गढ़दा होने पर यही प्रभाव लागू होंगे। साउथ-ईस्ट :सुबह 10.00 बजे के समय सूर्य साउथ-ईस्ट कोने की तरफ होते हैं। इस कोने में सीढ़ी, टाँड, परछत्ति, अलमारी, बोरिंग, सेप्टिक टैंक/गढ़ढ़ा, छत पर मुमटी, कमरा, पानी की टंकी, टॉयलेट इत्यादि होने पर महिलाएं बीमार, कर्जे, झगड़े, मानसिक अशान्ति, आग व चोरी की घटनाएँ, कोर्ट-केस, प्रशासनिक समस्याएँ, दूसरी व छठी संतान को अधिक समस्याएँ व विवाह से परेशान रहेंगे। ध्यान रहे कि ईस्ट-साउथईस्ट में मुख्यद्वार होने पर यही प्रभाव लागू होंगे। ___ इस कोने में शाफ्ट/डक्ट/खुले स्थान को आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है| तो यही प्रभाव लागू होंगे। ब्रह्मस्थान : शेड द्वारा दिखाए गए मुख्य ब्रह्मस्थान में बोरिंग, सेप्टिक टैंक/गढ्ढ़ा व स्तम्भ का निर्माण होने पर घर का मुखिया, पहली संतान व पूरा परिवार परेशान रहेगा व वंशनाश संभव है। बिना शेड द्वारा दिखाए गए ब्रह्मस्थान में यह दोष होने पर प्रभाव आंशिक रहेंगे। इस भाग में शाफ्ट/डक्ट/खुले स्थान को आखरी छत पर कवर करने पर यदि इस भाग की ऊँचाई 1 फीट से अधिक हो जाती है। तो यही प्रभाव लागू होंगे। दक्षिण : दोहपर 1:00 बजे के समय सूर्य दक्षिण भाग में होते हैं। इस भाग में बोरिंग, सेप्टिक टैंक/गढ़ढ़ा, मुख्यद्वार शाफ्ट/डक्ट/खुला स्थान होने पर महिला व स्त्री संतान बीमार, मान-सम्मान में कमी, स्वभाव चिड़चिड़ा होगा व मानसिक अशान्ति रहेगी।
SR No.009394
Book TitleVaastu Principles Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnkit Mishra
PublisherAnkit Mishra
Publication Year2016
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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