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________________ | संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें (77) देखें www.dwarkadheeshvatu.com भवन नं0 3 : दोष का समाधान : भवन नं0 1: साउथ-वेस्ट या साउथ-ईस्ट साउथ-वेस्ट या नार्थ-वेस्ट के भवन में बेसमेंट के भवन में बेसमेंट होने पर भवन नं02 : होने पर इस भवन के शेड द्वारा दिखाए गए इस भवन के शेड द्वारा दिखाए साउथ-वेस्ट, नार्थ-वेस्ट या साउथ-ईस्ट के 1/6वें नार्थ-ईस्ट भाग में बेसमेंट या गए 1/6वें नार्थ-ईस्ट भाग में भवन में बेसमेंट होने पर इस भवन के शेड द्वारा अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक बनाना जरूरी है। बेसमेंट या अन्डरग्राउन्ड वॉटर दिखाए गए 1/6वें नार्थ-ईस्ट भाग में बेसमेंट . इससे दोष का प्रभाव काफी कम हो जाएगा। टैंक बनाना जरूरी है। इससे या अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक बनाना जरूरी है। दोष का प्रभाव काफी कम हो\ इससे दोष का प्रभाव काफी कम हो जाएगा। जाएगा। भवन नं0 4 : / सड़क E/ इस भवन के पूरे भाग में बेसमेंट का निर्माण भवन नं06 : NIसINI/ अतिआवश्यक है। यदि यह संभव नहीं है तो शेड इस भवन के पूरे भाग में द्वारा दिखाए गए 1/3वें नार्थ-ईस्ट भाग में बेसमेंट बि समेंट का निर्माण भवन | भवन भवन /या अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक बनाना जरूरी है। अतिआवश्यक है। यदि यह नं. 3| नं. 2 संभव नहीं है तो शेड द्वारा भवन नं05: दिखाए गए 1/3वें इस भवन के पूरे भाग में बेसमेंट का निर्माण भवन / भवन / भवन नार्थ-ईस्ट भाग में बेसमेंट या नं. 6 | नं. 5 | नं. 4 अतिआवश्यक है। यदि यह संभव नहीं है तो शेड अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक द्वारा दिखाए गए 1/3वें नार्थ-ईस्ट भाग में बेसमेंट बनाना जरूरी है। ____ सडक C S या अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक बनाना जरूरी है। नं.1 सड़क सड़क आस-पड़ोस के भवनों/कमरों का प्रभाव दिशा प्लॉट ऊर्जा का प्रवाह सदैव उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम की ओर होता है। उत्तर और पूर्व में अन्य भवन/कमरे होने से इनसे ऊर्जा की प्राप्ति होगी, जिससे गम्भीर दोषों का प्रभाव आंशिक हो जाएगा। भवन नं0 3: उत्तर और पश्चिम में सडक व दक्षिण और पूर्व में अन्य निवास हैं। पूर्व में अन्य निवास होने से ऊर्जा की प्राप्ति हो रही है किन्तु दक्षिण में अन्य निवास होने से ऊर्जा वहाँ जा भी रही है। इसलिए दोषों का प्रभाव सामान्य रहेगा। इस घर में निवासी उच्च पद पर कार्यरत होंगे व उच्च नेता बनेंगे। भवन नं0 2: उत्तर में सड़क व दक्षिण, पश्चिम और पूर्व में अन्य निवास हैं। पूर्व में अन्य निवास होने से ऊर्जा की प्राप्ति हो रही है किन्तु पश्चिम व दक्षिण में अन्य निवास होने से इस भवन की ऊर्जा वहाँ जा भी रही है। इसलिए वास्तु दोषों का प्रभाव सामान्य रहेगा। भवन नं0 1: उत्तर और पूर्व में सड़क है व पश्चिम और दक्षिण में अन्य निवास हैं। पूर्व और उत्तर में अन्य निवास न होने से ऊर्जा की प्राप्ति नहीं हो रही है किन्तु दक्षिण और पश्चिम में अन्य निवास होने से ऊर्जा उन भवनों में जा रही है। इसलिए छोटे दोषों का प्रभाव भी गम्भीर रहेगा। इस भवन में निवासी चतुर, मेहनती व उच्च पद पर कार्यरत होंगे। N सड़क भवन नं.3 भवन नं. 2 भवन नं. 1 क भवन नं0 6 : पश्चिम और दक्षिण में सड़क व पूर्व और उत्तर में अन्य अन्य निवास है। उत्तर व पूर्व में अन्य निवास होने से ऊर्जा मिल रही है और दक्षिण और पश्चिम में अन्य निवास न होने से ऊर्जा कहीं नहीं जा रही है। इसलिए गम्भीर वास्तु दोषों का प्रभाव भी काफी कम रहेगा। इस घर के निवासी दम्भी और आलसी होंगे किन्तु इन्हें कम मेहनत करने पर भी अच्छे फल की प्राप्ति होगी। सड़क भवन नं0 4 : पूर्व और दक्षिण में सड़क व उत्तर और पश्चिम में अन्य निवास है। उत्तर में अन्य निवास होने से ऊर्जा की प्राप्ति हो रही है किन्तु पश्चिम में अन्य निवास होने से ऊर्जा वहाँ जा भी रही है। इसलिए वास्तु दोषों का प्रभाव सामान्य रहेगा। इस घर में निवासियों को धन की कमी नहीं होगी। भवन नं.6 भवन नं. 5 भवन नं.4 | सड़क भवन नं05: दक्षिण में सड़क व पूर्व, उत्तर और पश्चिम में अन्य निवास है। उत्तर व पूर्व में अन्य निवास होने से ऊर्जा की प्राप्ति हो रही है किन्तु पश्चिम में अन्य निवास होने से ऊर्जा वहॉ जा भी रही है। इसलिए वास्तु दोषों का प्रभाव आंशिक रहेगा।
SR No.009394
Book TitleVaastu Principles Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnkit Mishra
PublisherAnkit Mishra
Publication Year2016
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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