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________________ N निर्माण दीवार wll __ w | दीवार | दीवार | दीवार स्लब सेप्टिका टैंक NLA | संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें (18) देखें www.dwarkadheeshvatu.com प्रथम चयन प्लॉट में कम निर्माण के लिए, निर्माण प्लॉट के मध्य में ही करें। छत की आर.सी.सी. स्लैब का निर्माण द्वितीय चयन नार्थ-वेस्ट व साउथ-ईस्ट में खुला नार्थ-वेस्ट व 0 छत की आर.सी.सी. स्लैब का तल साउथ-ईस्ट स्थान एक बराबर होना चाहिए। एक समान ही रखें। यह किसी भी में खुला स्थान डॉटेड लाईन द्वारा दिखाए अनुसार दिशा में झुकी नहीं होनी चाहिए। एक बराबर ढ़ाई फीट ऊँची दीवार बनाकर पीछे होना चाहिए। के भाग को अलग कर दें। इस तरह से निर्माण अस्थाई तौर पर ही करें निर्माण नार्थ-ईस्ट से साउथ-वेस्ट क्योंकि इससे पूरी तरह से प्रगति RCC तक पूरे भाग में करें। यह सर्वश्रेष्ठ है। नहीं मिलेगी। साउथ-ईस्ट फेसिंग प्लॉट सिर्फ ऊपर की मंजिलों पर जाने के लिए दरवाजा नीच स्थान पर होने पर कमरों का आकार भी सीढ़ी की वजह से दोष नहीं लगेगा। E| कमरा साउथ-ईस्ट व नार्थ-वेस्ट के कमरों ग्राउन्ड फ्लोर के लिए मुख्य E का आकार एक दूसरे के बराबर ही द्वार उच्च स्थान पर ही रखें। Aioबोरिंग होना चाहिए। I N कमरा w दरवाजों का स्थान L_नार्थ-ईस्ट की दीवार बोरिंग व सेप्टिक टैंक पूर्व में ही बनाएँ। की मोटाई कम रखें। कमरे, रसोई, टॉयलेट इत्यादि भवन में सीढ़ी कहीं भी बना सकते हैं। सीढ़ी का निर्माण कमरा/रसोई/| दरवाजे चित्र में दिखाई गई दिशाओं में नार्थ-वेस्ट और साउथ-ईस्ट साउथ-वेस्ट की दीवार के साथ, की दीवार की मोटाई एक स्टोर/मंदिर/ ही रखें। साउथ-ईस्ट की दीवार से न सटते हुए समान रखें। टॉयलेट इत्यादि करें। साउथ-ईस्ट फेसिंग भवन में साउथ-वेस्ट की दीवार । Jw बेसमेंट का निर्माण नहीं होना चाहिए, की मोटाई अधिक रखें। मंदिर का स्थान बेसमेंट अशुभ है। N भवन/बेडरूम के शेड द्वारा दिखाए कम्पाउन्ड वॉल/पैराफिट वॉल(रेलिंग) भवन गए स्थान/ दिशाओं में ही मंदिर नार्थ-ईस्ट की कम्पाउन्ड E s साउथ-वेस्ट की रखें। वॉल/ पैराफिट वॉल की कम्पाउन्ड वॉल/ पैराफिट N ऊँचाई व मोटाई कम रखें-- वॉल की उँचाई व मोटाई ब्रह्मस्थान और इस दीवार पर काँच अधिक रखें। इस दीवार ब्रह्मस्थान में कोई भी निर्माण या गढ़ढ़ा के टुकड़े या तार न पर काँच के टुकड़े या तार ब्रह्मस्थान नहीं होना चाहिए। यहाँ बोरिंग, सेप्टिक लगाएँ। N / W इत्यादि लगा सकते हैं। टैंक या स्तम्भ का निर्माण होने से पूरे नार्थ-वेस्ट व साउथ-ईस्ट की कम्पाउन्ड वॉल/पैराफिट वॉल की है परिवार का नाश होता है। ऊँचाई व मोटाई एक समान ही होनी चाहिए। रोड से फर्श का लेबल व पानी का निकास छत पर निर्माण व ओवरहेड वॉटर टैंक/वजन E + 0S छत पर मुमटी, ओवरहेड वॉटर टैंक/वजन या - भवन में फर्श का लेबल रोड से अधिक +9 इंच 5 अन्य कोई भी निर्माण नं0 1 में दिखाई गई जगह से अधिक 9 इंच ऊँचा रखें। भवन में में ही करें। निर्माण करते समय यह ध्यान रखें कि शेड द्वारा दिखाए गए भाग से ही पानी प्रथम निर्माण 1 नं0 से शुरू करते हुए नं0 2 की का निकास करें। , तरफ आयताकार आकार में करें। यह कोनों से W कम से कम 3 फीट दूर हो। स्लैब का निर्माण डूप्लेक्स हाउस/मेजानाईन फ्लोर IS रसोई/स्टोर का निर्माण भवन में कहीं भी कर सकते हैं किन्तु स्लैब को साउथ वेस्ट रसोई/ s शेड् द्वारा दिखाए गए भाग में एक से अधिक की दीवार के साथ ही बनाएँ। किसी भी मंजिलों का निर्माण कर सकते हैं। ध्यान रहे कि भवन । हाल में नार्थ ईस्ट, साउथ-ईस्ट व बिना शेड और शेड द्वारा दिखाए गए भाग की -W नार्थ वेस्ट की दीवार पर नहीं। अन्तिम छत एक ही ऊँचाई पर होनी चाहिए। टॉयलेट का निर्माण शाफ्ट/डक्ट/खुला स्थान | टॉयलेट भवन में कहीं भी बना सकते हैं शाफ्ट/डक्ट/खुला स्थान बिना शेड़ द्वारा किन्तु शीट इस प्रकार लगाएँ कि भवन त दिखाए गए भाग में ही रख सकते हैं। ध्यान रहे कि मल-मूत्र का त्याग करते समय मुख यह मुख्य दीवारों से कम से कम 3 फीट दूर होना सूर्यदेव (पूर्व) की तरफ न हो। Ew चाहिए। w IV भवन | VI NAV ! ब स्लै | टॉयलेट
SR No.009394
Book TitleVaastu Principles Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnkit Mishra
PublisherAnkit Mishra
Publication Year2016
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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