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________________ बालकना --------- 15 +----- ------ --- मख्य । 131 । 45 फीट - । । । शान! । -45 फीट -- 1-LJ ------ AX -----..... 45 फीट 45 फीट | संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें ( 7 ) देखें www.dwarkadheeshvatu.com ब्रह्मस्थान व मुख्य ब्रह्मस्थान का निर्धारण | प्लॉट/भवन/बेडरूम का ब्रह्मस्थान ब्रह्मस्थान की स्थिति में बदलाव यदि किसी प्लॉट/भवन/ <- 27 फीट → यदि बॉलकनी/निर्माण से प्लॉट/भवन 27 फीट बेडरूम की लम्बाई 45 फीट व + + + /बेडरूम की लम्बाई/चौंड़ाई बढ़ जाती है चौंड़ाई 27 फीट हो तो इसे तीन तो ब्रह्मस्थान का निर्धारण बढ़ी हुई 999 बराबर भागों में विभाजित करने पर लम्बाई/चौंड़ाई को मिलाकर ही किया यह चित्र में दिखाए अनुसार 9 भागों जाएगा। में विभाजित हो जाएगा। इसके | मुख्य । 13 यदि बॉलकनी की लम्बाई 6 फीट ब्रह्म *-1-12 मध्य का भाग ब्रह्मस्थान है। स्थान----- ॐ हो तो अब इस प्लॉट/भवन की कुल जिसकी लम्बाई 15 फीट व चौड़ाई लम्बाई 51 फीट हो जाएगी। बॉलकनी के स्थान -1-1-1 फीट है। निर्माण के बाद इस प्लॉट/भवन/बेडरूम मुख्य ब्रह्मस्थान का का ब्रह्मस्थान प्लॉट की लम्बाई व बॉलकनी निर्धारण करने के लिए इस की लम्बाई को जोड़कर चित्र 1 के अनुसार ब्रह्मस्थान की लम्बाई व चौड़ाई को ही निकाला जाएगा। यहाँ ब्रह्मस्थान की भी तीन बराबर भागों में विभाजित चित्र 1 चौड़ाई x लम्बाई 9' x 17 और मुख्य चित्र 2 करने पर इसके मध्य का स्थान मुख्य ब्रह्मस्थान है, जिसकी ब्रह्मस्थान की चौड़ाई x लम्बाई 3' x 5.6' लम्बाई 5 फीट व चौंड़ाई 3 फीट है। होगी। प्लॉट व निर्माण के ब्रह्मस्थान का निर्धारण - 27 फीट → <- 27 फीट → प्लॉट का ब्रह्मस्थान, प्लॉट मे निर्माण का ब्रह्मस्थान, निर्माण में किसी भी फ्लोर का प्लॉट का ब्रह्मस्थान, फ्लोर में किसी भी बेडरूम का ब्रह्मस्थान, निर्माण की छत के ब्रह्मस्थान | मुख्य ब्रह्मस्थान में दोष के आंशिक प्रभाव रहेंगे व इनके मुख्य ब्रह्मस्थान में दोष के गंभीर प्रभाव होंगे। इनमें से किसी में भी बोरिंग, सेप्टिक टैंक, अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक, कुआँ, भारी मशीन, पानी की टंकी, स्तम्भ व फर्श का तल ऊँचा या नीचा होने पर घर के निर्माण की जा मुखिया, पहली संतान व पूरा परिवार परेशान व वंशनाश संभव है। a. छत का प्लॉट का मुख्य | यदि किसी भवन में आगे की तरफ खुला स्थान है व पीछे की तरफ मुख्य ब्रह्मस्थान ब्रह्मस्थान निर्माण हुआ है तो भवन में प्लॉट, निर्माण व बेडरूम तीनो के ब्रह्मस्थान का निर्धारण करना जरूरी है। तीनो ब्रह्मस्थानों में कोई भी वास्तु दोष नहीं होना चाहिए। खुला स्थान प्लॉट का ब्रह्मस्थान चित्र 1 में दिखाए अनुसार ही निकालें। निर्माण के ब्रह्मस्थान को निकालने के लिए चित्र 1 में बताई गई विधि का ही प्रयोग करें, ध्यान रहे कि इसके लिए सिर्फ निर्माण की लम्बाई व चौंड़ाई की माप का ही प्रयोग करें। चित्र 3 का मुख्य ब्रह्मस्थान चित्र 4 ----------------- बहुमंजिली इमारत में ब्रह्मस्थान का निर्धारण अक्सर देखा गया है कि बहुमंजिली इमारत में हम ग्राउन्ड फ्लोर पर ब्रह्मस्थान का निर्धारण करके उसके अनुसार निर्माण कर लेते हैं किन्तु इसके पश्चात ऊपर की मंजिलों या आखरी छत पर बॉलकनी का निर्माण मंजिल कर देते हैं। इससे भवन की लम्बाई व चौंड़ाई उतनी ही बढ़ जाती है। ध्यान रहे कि ऊपर की मंजिलों या आखरी छत पर बॉलकनी/निर्माण से लम्बाई व चौड़ाई बढ़ने से पूरी ईमारत के ब्रह्मस्थान की लम्बाई व चौंड़ाई भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगी व इसका स्थान भी बदल जाएगा। स्थान बदलने के पश्चात यदि ब्रह्मस्थान में बोरिंग, सेप्टिक टैंक, अन्डरग्राउन्ड वॉटर टैंक, कुआँ, भारी मशीन, पानी की टंकी, स्तम्भ व फर्श फ्लोर का तल ऊँचा या नीचा होने पर घर के मुखिया, पहली संतान व पूरा परिवार परेशान व वंशनाश संभव है। । इसलिए यह ध्यान रखें कि हर मंजिल पर ब्रह्मस्थान का निर्धारण भवन की आखरी छत की लम्बाई व चौड़ाई से ही करना चाहिए। किसी एक मंजिल के ब्रह्मस्थान में दोष होने पर उस मंजिल के निवासियों पर ही इसके प्रभाव लागू होंगे किन्तु यदि ग्राउन्ड फ्लोर या छत पर ब्रह्मस्थान में दोष है तो इसके प्रभाव पूरी ईमारत पर लागू होंगे। चित्र 2 में दिखाए अनुसार यदि प्लॉट/भवन/बेडरूम 1 व चित्र 2 प्लॉट/भवन/बेडरूम 2 के बीच की दीवार का पूरा या कुछ पर ब्रह्मस्थान की स्थिति भाग हट जाता है तो दोनों को मिलाकर एक ही माना जाएगा। चित्र 1 में दो चित्र 1 इसलिए इस पूरे प्लॉट/भवन/बेडरूम का ब्रह्मस्थान भी दिखाए अलग-अलग भनाभवनास अनुसार एक ही होगा। जिस मंजिल पर यह किया गया है, उसके प्लॉट/भवन/बे बेडरूम नीचे की मंजिल की दीवार और उसके ऊपर की मंजिल की दीवार डरूम दिखाए गए ब्रह्मस्थान में रहने से यह गंभीर वास्तु दोष होगा। इससे पूरा हैं। इन दोनों का परिवार परेशान रहेगा व वंशनाश भी संभव है। ब्रह्मस्थान भी नोट : दीवार न हटाकर वहाँ केवल वह दरवाजा जो खोला और बंद किया जा सके अलग-अलग है। लगाने पर यह दोष नहीं होगा। - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - छत -ब्रह्मस्थान दूसरी बॉलकनी पहली मंजिल ग्राउन्ड सड़क माना जाएगा। भवन/ भवन N भवन | बडरूम ब्रह्मस्थान ब्रह्मस्थान
SR No.009394
Book TitleVaastu Principles Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnkit Mishra
PublisherAnkit Mishra
Publication Year2016
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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