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दिशाएँ देखने की विधि
उत्तर दिशा
कम्पास के द्वारा दिशाओं का ज्ञान
NNW
INW N 750
NNE 22.5°
नार्थ-वेस्ट
विदिशा
NW
NE 45°
215337
विदिशा नार्थ-ईस्ट ।
WNW
ENE
29
67.5°
पश्चिम दिशा
270°
दिशा
वास्तु जानने के लिए दिशाओं का सही निर्धारण जरूरी है। दिशा जानने के लिए कम्पास का प्रयोग करते हैं। जिसमें एक चुम्बकीय सुई होती है जिसका तीर उत्तर दिशा में ही रूकता है।
कम्पास को भवन के मध्य में रखने पर सुई जिस दिशा में रूकती है वह उत्तर होता है। उत्तर से 180 डिग्री पर दक्षिण, दाईं ओर 90 डिग्री पर पूर्व व बाईं ओर 90 डिग्री पर पश्चिम होता है।
कम्पास से देखने पर यदि दिशा मध्य में न होकर 22.5 डिग्री तक हटी हो तो दिशा प्लॉट व इससे अधिक हटने पर विदिशा प्लॉट माना जाता है।
112.5°
WSW
ESE
-
225°
SW
202.5°
202
180°
157.5°5
SSW
विदिशा.
SE विदिशा
SSE
साउथ-ईस्ट ।
/ साउथ-वेस्ट ।
S
दिशा
दक्षिण
।
सर्य के द्वारा दिशाओं का ज्ञान समय के अनुसार सूर्य की स्थिति देखकर हम
लगभग दिशाओं का निर्धारण कर सकते हैं।
शाम 07:30 बजे के समय सूर्य
आंशिक रूप से वेस्ट-नार्थवेस्ट में होते हैं।
NW
N
सुबह 5 बजे के समय सूर्य आंशिक रूप से ईस्ट-नार्थईस्ट में होते हैं।
NE
शाम 06:00 बजे के समय सूर्य पूर्ण रूप से पश्चिम में होते हैं।
Me
सुबह 6 बजे के समय सूर्य पूर्ण रूप से पूर्व में होते हैं।
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सुबह 08:00 बजे के समय सूर्य
आंशिक रूप से ईस्ट-साउथईस्ट में होते हैं।
शाम 04:00 बजे के समय सूर्य वेस्ट-साउथवेस्ट में होते हैं।
SW
SE
सुबह 10:00 बजे के समय सूर्य पूर्ण रूप से ईस्ट-साउथईस्ट में होते हैं।।
दोपहर 02:00 बजे के समय सूर्य साउथ-साउथवेस्ट में होते हैं।
M.
दोपहर 01:00 बजे के समय सूर्य दक्षिण में होते हैं।
सुबह 12:00 बजे के समय सूर्य साउथ-साउथईस्ट में होते हैं।