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________________ | संगीत व वास्तु पुस्तक (PDF) मुफ्त डाउनलोड करें। देखें www.dwarkadheeshvatu.com दिशाएँ देखने की विधि उत्तर दिशा कम्पास के द्वारा दिशाओं का ज्ञान NNW INW N 750 NNE 22.5° नार्थ-वेस्ट विदिशा NW NE 45° 215337 विदिशा नार्थ-ईस्ट । WNW ENE 29 67.5° पश्चिम दिशा 270° दिशा वास्तु जानने के लिए दिशाओं का सही निर्धारण जरूरी है। दिशा जानने के लिए कम्पास का प्रयोग करते हैं। जिसमें एक चुम्बकीय सुई होती है जिसका तीर उत्तर दिशा में ही रूकता है। कम्पास को भवन के मध्य में रखने पर सुई जिस दिशा में रूकती है वह उत्तर होता है। उत्तर से 180 डिग्री पर दक्षिण, दाईं ओर 90 डिग्री पर पूर्व व बाईं ओर 90 डिग्री पर पश्चिम होता है। कम्पास से देखने पर यदि दिशा मध्य में न होकर 22.5 डिग्री तक हटी हो तो दिशा प्लॉट व इससे अधिक हटने पर विदिशा प्लॉट माना जाता है। 112.5° WSW ESE - 225° SW 202.5° 202 180° 157.5°5 SSW विदिशा. SE विदिशा SSE साउथ-ईस्ट । / साउथ-वेस्ट । S दिशा दक्षिण । सर्य के द्वारा दिशाओं का ज्ञान समय के अनुसार सूर्य की स्थिति देखकर हम लगभग दिशाओं का निर्धारण कर सकते हैं। शाम 07:30 बजे के समय सूर्य आंशिक रूप से वेस्ट-नार्थवेस्ट में होते हैं। NW N सुबह 5 बजे के समय सूर्य आंशिक रूप से ईस्ट-नार्थईस्ट में होते हैं। NE शाम 06:00 बजे के समय सूर्य पूर्ण रूप से पश्चिम में होते हैं। Me सुबह 6 बजे के समय सूर्य पूर्ण रूप से पूर्व में होते हैं। ------------------------- सुबह 08:00 बजे के समय सूर्य आंशिक रूप से ईस्ट-साउथईस्ट में होते हैं। शाम 04:00 बजे के समय सूर्य वेस्ट-साउथवेस्ट में होते हैं। SW SE सुबह 10:00 बजे के समय सूर्य पूर्ण रूप से ईस्ट-साउथईस्ट में होते हैं।। दोपहर 02:00 बजे के समय सूर्य साउथ-साउथवेस्ट में होते हैं। M. दोपहर 01:00 बजे के समय सूर्य दक्षिण में होते हैं। सुबह 12:00 बजे के समय सूर्य साउथ-साउथईस्ट में होते हैं।
SR No.009394
Book TitleVaastu Principles Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnkit Mishra
PublisherAnkit Mishra
Publication Year2016
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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