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करें तो हमारे देश का पाँच गुना पानी बच सकता है। वही खेती हो रही है केमिकल्स फर्टीलायजर से तो पाँच गुना ज्यादा पानी बर्बाद हो रहा है देश का। और आप सब जानते हैं कि पानी ईश्वर की देन है। सरकार पानी पैदा कर नहीं सकती। दुनिया में अरबों रुपये जिन सरकारों के पास हैं वो भी पानी पैदा नहीं कर सकते। यह भगवान , का दिया हुआ है। ईश्वर का दिया हुआ है। और जमीन के नीचे यह पानी है। वो आपके बैंक बॅलेन्स की तरह से है। हम बेवकुफी में क्या कर रहे हैं कि बैंक बॅलेन्स में से पैसा निकालते चले जा रहे हैं। निकालते चले जा रहे हैं। उसको वापस डालने का हमारे पास कोई तंत्र नहीं है। इसलिए गाय बचे। गौवंश बचे। तो हिन्दुस्तान में हजारों करोड़, अरबों करोड़ों रुपये का केमिकल्स फर्टिलायझर पैदा होगा। तो आप पूछेगे कैसे होगा। तो एक छोटासा सुझाव है कि हम सब लोग ज्यादा से ज्यादा गाय का दूध पीना शुरु - कर दे। हिन्दुस्तान में जो लोग चाय, कॉफी और पेप्सी, कोका कोला पीते हैं। अगर यह चाय, कॉफी और पेप्सी, कोका कोला पीना बंद कर दिया जाए। तो लगभग साढ़े सात-आठ हजार करोड़ रुपये का गाय का दूध ओर बिकेगा। और इतने दूध को बेचने के लिये कम से कम देड़-दो करोड़ और ज्यादा गाय पालनी पड़ेगी। और देड़-दो करोड़ जो गाय पाली जायेगी इस देश में वो देड़-दो करोड़ गाय दस प्रतिशत की वृद्धि होगी हर साल में तो हिन्दुस्तान में आने वाले पंद्रह-बीस सालों में करोड़ों गौवंश को हम बचा सकेंगे। इसलिए गाय की रक्षा, गौरक्षा करना बहुत जरुरी है। और चलते-चलते आखरी बात। इसलिए भी गौरक्षा बहुत जरुरी हैं कि यह गाय जो है। भारतीय संस्कृति का प्राण हैं। और इसमें 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास है। तो हम सब एक छोटा सा काम जरुर कर सकते हैं कि अपने घर में संकल्प करें कि जितने ज्यादा से ज्यादा गाय का दूध पिये। गाय का घी खाये। गाय के दूध को बिकवाये। गाय के दूध से बने हुये सामानों की बिक्री करवाये उतना ही ज्यादा से ज्यादा हमारे देश में यह गौवंश की वृद्धि होती चली जायेगी। इतना ही मुझे आपसे कहना था। बहुत बहुत आभार - बहुत बहुत धन्यवाद
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गौमाता पंचगव्य चिकित्सा .
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