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१०४६-१०६६
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(२०) दुस्थिति, दुर्भिक्ष
१०१२-२०१३ क्रय-विक्रय-योग
१०१४ दुर्भिक्ष
२०१५ रोहिगी का शुभाशुभ फल .
१०१६-१०२६ आषाढीयोग पापादोयोग से वृष्टि का हाना अथवा न होना १०२७.१०४८ नक्षत्र क्रम से समर्घ-महर्घ तथा तिथि, छत्रभंग श्रादि योग चन्द्रमा के परिवेष से वृष्टिज्ञान
१०७० इन्द्रधनुष से वृष्टि ज्ञान
१०७१ राशिक्रम में मह आदि
१०७२-७४ वारुण परिवेष से वृष्टि
१०७५ मर्प के वृक्ष पर चढ़ने से वृष्टि निर्णय
१८७६ गहरी के ऊर्वाभिमुख होने से वृष्टिज्ञान
१०७७ तक्रादि के पात से वष्टिहानि
१०७८ महर्ष-प्समर्पज्ञान
१०७४-१०८१ মঃ মা ন অম্বান
१०८२-१०८६ मण्डलप्रकार से अज्ञान
१०६०-११०६ हेम प्रभ सूरि के अनुसार अर्घ काण्ड १११०-१११४ चैत्रार्थ
१११५.१११७ अर्थशास्त्र की सत्यता
१११८ | গাছিন আঁৰ স্বাৰাঃ ম স্পষ্ট
१११६ नक्षत्र क्रम से अर्घ
११२०-११२६ राशि संख्या से अर्घ
११०७-११२८ प्रह संख्या से अर्घ
११२६-११३३ प्रह, नक्षत्र, राशि संख्या से अर्घ
११३४.११३६ अर्घ त्रिगुण
३१३७ अप द्विगुण
११३८ • लब्धार्ष स घटा कर अर्घ निश्चय
११३६ राशि, नक्षत्र, प्रह क्रम से अघ
११४०-११४८ संतिका, माणक, पल्लिका, आदि मानने का प्रकार ११४८-११५६ धान्य महर्ष जानने के प्रकार
११५७-११५८ पात्रापात्र को अर्घकाएड देने का फल धार भफल
११५६.११६०
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