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२
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ह
सस्योत्पत्तियोग महावृष्टि अनावृष्टि योग
मूषक आदि का अधिकता में होना धान्योत्पत्ति योग
लम से ईति का विश्वार
भूमिमण्डल
तेजमण्डल
(१६)
अलमण्डल, वातमण्डल
तरवफल
मीन संक्रान्ति से मेष संक्रन्ति
आषाढ़ी पूर्णिमा से वृष्टिज्ञान
वृष्टियोग
अग्नियोग, पृष्ठयोग आदि
ग्यारहवां प्रकरण
कन्याप्राप्ति
स्त्रीलाभ
स्त्रीप्राप्ति
-मयाग
अन्य प्रकार से समर्ध-मद्दर्घ योग
स्त्रीलाभप्रकरण
अर्घकाण्ड का प्रारम्भ
क्रेता और विक्रेता का विश्वार
लाभविचार
क्रय विचार
क्रेता और विक्रेता के सम्बन्ध से लाभालाभविवार ७८१-७८२
समर्धयोग
गुगावती स्त्री की प्राप्ति शीघ्र स्त्रीलाभ
स्त्रीलाभ
७४१-७४४
७४५
७४६-७४७
७४८-७५०
कन्यालाभ
कन्याप्राप्ति, पतिप्राप्ति
कन्याप्राप्ति तथा वरप्राप्ति
लक्ष्मीवान् वर, लक्ष्मीवती कन्या की प्राप्ति
७५१
७५२
७५३
७५४
७५५-७६०
७६१-७६३
७६४-७६६
७६७-७६६
७७०-७७६
७७०
७७८
७७६
ごう
७८३
७८४ – ७८६
७६०-८२४
८२५
८२६-८२६
८३०
८३१
८३२
८३३
८३४-८३६
८३७
८३८-८३६
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