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यदि एक मेंढ़क और एक सिंह... सम्यग्दर्शन प्राप्त कर मोक्षगामी बन सकते हैं तो विवेक सहित पाँच इन्द्रियोंवाले हम अर्थात् मनुष्य एक सचोट निर्णय लेकर सम्यग्दर्शन प्राप्त करके मोक्षगामी नहीं बन सकते? ?? अर्थात् अवश्य बन सकते हैं.... तो पढ़ो, विचारो, चिंतन करो और अपनाओ प्रस्तुत 'सुखी होने की चाबी' को जिससे मोक्षमार्ग और अंत में मोक्ष पाकर अनंत अव्याबाध सुख प्राप्त करो, ऐसी आशा सहित।
जितेंद्र शांतिलाल शाह C.A. मुकेश पूनमचंद शाह, EC.A. शैलेश पूनमचंद शाह
जयकला नलिन गाँधी नमीता रसेश शाह
प्रस्तावना *V