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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
तन्त्र अधिकार
मुनि प्रार्थना सागर
अर्क सिर पर लगाने से त्वरित लाभ होता है।
(8) शिरोपीड़ा - जामुन के पत्ते का रस सिरदर्द में अचूक दवा है । ( 8 ) मानसिक तनाव दूर
(1) चित्तभ्रम - शैल खड़ी सिंघदराज को घिसकर उसे छेदकर अंगूठी में पहन लें तो चित्तभ्रम मिटे |
(2) मानसिक तनाव दूर करने- अपने शयन कक्ष में रात्रि सोने से पूर्व अपने सिरहाने कपूर का एक टुकड़ा नित्य जलाने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है ।
(3) मानसिक तनाव - विधि पूर्वक लाई गई निर्गुण्डी की जड़ को धारण करने से विवाद समाप्त होकर मानसिक तनाव दूर होता है ।
(4) यदि आप मानसिक रोग से ग्रस्त हैं तो अपने शयन कक्ष में शुद्ध घी का दीपक जलाकर रखें तथा सोते समय गुलाब की अगरबत्ती भी जलाएं।
(5) भय मुक्ति - शनिवार को सवा पाव काले तिल काले कपड़े में बांधकर ७ बार उतार कर नदी में फेंक दें, दिल से भय दूर हो जाएगा। (9) नकसीर ठीक
(1) नकसीर ठीक - सूखी मिट्टी का डला सूंघने से नाक का रक्त बन्द हो जाता है । (2) कबूतर की बींट सूँघने से नकसीर बन्द हो जाती है।
(2) आर्द्रा नक्षत्र युक्त पुक्रवार को सफेद कनेर की जड़ लाकर सफेद धागे में डालकर गले में धारण करने से नकसीर नहीं होती है।
( 10 ) गूंगा बोले
(1) गूंगा बोले- गूंगे व्यक्ति के पास नित्य दो तीन घंटे शंख बजाने, व शंख में पानी भरकर रखने चौबीस घंटे बाद शंख भस्म मिलाकर वह पानी पिलाने तथा दो छोटेछोटे शंख छेद करके धागे में पिरोकर गले में पहनाने से गूंगा मनुष्य बोलने लगता है । पहले रिवाज था कि बच्चे के गले में दो छोटे शंख बांधने से बच्चा जल्दी बोलने लगता है।
( 11 ) दाँत (दाढ़ ) की पीड़ा हर तंत्र
(1) दाढ़ के कीड़े - घूंघची की जड़ को कान से बांधने से दाढ़ के कीड़े झड़ जाते हैं। दाँत की पीड़ा हर तंत्र - सफेद चिरमी (गुंजा) की जड़ कान में बांधे तो दांत की पीड़ा मिटे | ( 12 ) वमन (कै) बंद करना (1 ) उल्टी दस्त बन्द :
आक(मदार) की लकड़ी का पर्याप्त मोटा टुकड़ा दोनो हाथों से
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