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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (3) सर्व ज्वर निवारण तंत्र (1) ज्वर निवारण-नारियल की जड़ को गले में बांधने से महाज्वर दूर हो जाता है। (2) एक तारा बुखार- श्वेत अर्क की जड़ पुरुष के दांये और स्त्री के बायें हाथ में बांधने से एक तारा ज्वार चला जाता है। अथवा मयूर शिखा को लाल कपड़े में रखकर कमर या हाथ में बांधे। (3) तिजारी बुखार- अपामार्ग को लाल कपड़े में रखकर कमर में बांधे अथवा छोटी दुद्धी को कमर या हाथ में बांधे। (4) रात्रि ज्वर- मोगरे की मूल को कान में बांधे तो ज्वर जाये। (5) सर्व ज्वर निवारण तंत्र- रविवार के दिन आक की जड़ को उखाड़ कर कान में बांधने से हर प्रकार का ज्वर शीघ दूर हो जाता है। (6) रात्रि ज्वर नाशक तंत्र- मकोय की जड़ को कान में बांधने से रात्रि में आने वाला ज्वर शीघ्र दूर हो जाता है। (7) शीत ज्वर की पारी रोकने का तंत्र- मंगलवार अथवा रविवार के दिन सात गांठ लहसुन की पीसकर काले कपड़े पर रखकर रोगी के पांव के अंगूठे से बांध दें। तीन घंटे का समय बीत जाने पर उसे अंगूठे से खोलकर चौराहे पर फेंक देने से शीत ज्वर की पारी रुक जाती है। (8) तिजारी ज्वर पर ताबीज तंत्र- सफेद ओंगा (अपामार्ग) की जड़ रविवार को लाकर लाल कपड़े में लपेटकर उसी दिन तिजारी ज्वर तथा चौथिया ज्वर वाले रोगी के बाँयें हाथ में बांध दें। फिर ज्वर नहीं आवेगा। (9) भूत ज्वर का तंत्र- हुलहुल की जड़ को कान में डालने से भूत ज्वर शीघ्र दूर होता है। (10) ज्वर पर तंत्र- कुत्ते ने जहां पेशाब किया हो उस जगह की मिट्टी लाकर उस की गोली बनाएं और उसको सुखाकर ज्वर वाले के गले में बांधने से ज्वर चला जाता है। (11) ज्वर निवारण- रविवार के दिन प्रातः काल अपामार्ग की जड़ उखाड़ लाए और सफेद सूत के सात धागों से जड़ को लपेटकर रोगी के गले में धारण करा देने से ज्वर उतर जाएगा। ( 12 ) शीत ज्वर निवारण- रविवार के दिन प्रातः काल सफेद धतूरे की जड़ लाकर धागे में पिरोकर तीन गांठ बांधे और रोगी के दाए बाजू पर बांध दें तो शीत ज्वर से मुक्ति मिल जाएगी। 436
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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