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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
स्वास्थ्य अधिकार
९४, भेड़ ८५ ।
नक्षत्र विंशाोपक - अश्विनी १०, भरणी १०, कृत्तिका ९६, रोहिणी २०, मृगशिरा ५६, आर्द्रा ८६, पुनर्वसु २१, पुष्य ९४, आश्लेषा १३५, मघा १५०, पूर्वाफाल्गुनी २२०, उत्तराफाल्गुनी ७२, हस्त ३३४, चित्रा २१, स्वाति २१०, विशाखा ३२०, अनुराधा ४९३, ज्येष्ठा ५५९,मूल ५५२, पूर्वाफाल्गुनी १९४२, उत्तराफाल्गनी ४२०, श्रवण ४५०, धनिष्ठा ७३६, शतभिषा ५७६, पूर्वाभाद्रपद ७७५, उत्तराभाद्रपद १२६, रेवती २५६ ।
संक्रान्तिराशि विंशाोपक- मेष ३७, वृष ८६, मिथुन ८४, कर्क १०९, सिंह १२५, कन्या १०२, तुला १०४, वृश्चिक१४४, धनु १४४, मकर १९८, कुम्भ १९०, मीन
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मुनि प्रार्थना सागर
तिथि विंशाोपक प्रतिपदा १८, द्वितीया २०, तृतीया २२, चतुर्थी २४, पंचमी २६, षष्ठी २४, सप्तमी २३, अष्टमी २१, नवमी १९, दशमी १७, एकादशी १५, द्वादशी ११, त्रयोदशी १३, चतुर्दशी ९, अमावस्या ९, पूर्णिमा १६ । वार- रविवार ४०, सोम ५०, मंगल ५०, बुध ६२, गुरु ६५, शुक्र २८, शनि १४
तेजी - मन्दी निकालने की विधि- जिस मास की या जिस दिन की तेज - मन्दी निकालनी हो, उस महीने की संक्रान्ति विंशोपक ध्रुव, तिथि, वार और नक्षत्र के विंशोपक ध्रुवाओं को जोड़कर ३ का भाग देने से एक शेष रहने से मन्दी, दो शेष में समान और शून्य शेष में तेजी होती है।
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३. तेजी - मन्दी निकालने का अन्य नियम- गेहूँ की अधिकारिणी राशि कुम्भ, सोना की मेष, मोती की मीन, चीनी की कुम्भ, चावल की मेष, ज्वार की वृश्चिक, रुई की मिथुन और चांदी की कर्क है । जिस वस्तु की अधिकारिणी शि से चन्द्रमा चौथा, आठवां तथा बारहवां हो तो वह वस्तु तेज होती है, अन्य राशि पड़ने से सस्ती होती है। सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु, ये क्रूर ग्रह हैं, ये क्रूर ग्रह जिस वस्तु की अधिकारिणी राशि से पहले, दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें, आठवें, नौवें और बारहवें जा रहे हों, वह वस्तु तेज होती है। जितने क्रूर ग्रह उपर्युक्त स्थान में जाते हैं, उतनी ही वस्तु अधिक तेज होती है।
(189) मकर संक्रान्ति फल
पौष महीने में मकर संक्रान्ति रविवार को प्रविष्ट हो तो धान्य का मुल्य दुगूना होता है। शनिवार को हो तो तिगुना, मंगल के दिन प्रविष्ट हो तो चौगुना धान्य का मूल्य होता है । बुध और शुक्रवार को प्रविष्ट होने से समान भाव और गुरु तथा सोमवार को हो तो
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