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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
स्वास्थ्य अधिकार
मुनि प्रार्थना सागर
188 ) उक्त चक्र द्वारा तेजी-मन्दी निकालने की विधि
शाक: खगाब्धिभूपोन: १६४९ शालिवाहनभूपतेः । अनेन युक्तो द्रव्याङ्कचैत्रादिप्रतिमासके ॥ रूद्रनेत्रैः हते शेषे फलं चन्द्रेण मध्यम् । नेत्रेण रसाहानिश्च शून्येनार्घे स्मृतं बुधैः ॥
अर्थात् शक वर्ष की संख्या में १६४९ घटाकर, मास में जिस पदार्थ का भाव जानना हो उसके ध्रुवा जोड़कर योगफल में ३ का भाग देने से एक शेष समता, दो शेष मन्दी और शून्य शेष में तेजी कहना चाहिए । विक्रम संवत् में से १३५ घटाने पर शक संवत् हो जाता है। उदाहरण- विक्रम संवत् २०१३ के ज्येष्टमास में चावल की तेजी - मन्दी जाननी है। अत: सर्वप्रथमविक्रम संवत् का शक् संवत् बनाया - २०१३-१३५=१८७८ शक् संवत् । सूत्र- नियम के अनुसार १८७८ - १६४९=२२९ और ज्येष्ट मास में चावल का ध्रुवांङ्क १ है, इसे जोड़ा तो २२९ + १ = २३०; इसमें ३ से भाग दिया = २३० भाग ३ =२ शेष रहा अत: चावल का भाव मन्दा आया । इसी प्रकार समझ लेना चाहिए ।
दैनिक तेजी - मन्दी जानने का नियम- जिस देश में, जिस वस्तु की, जिस दिन तेजी - मन्दी जाननी हो उस देश, वस्तु, वार, नक्षत्र, मास, राशि, इन सबके ध्रुवाओं को जोड़कर ९ का भाग देने से शेष के अनुसार तेजी - मन्दी का ज्ञान "तेजीमन्दी देखने के चक्र" के अनुसार करना चाहिए ।
देश तथा नगरों की ध्रुवा - बिहार १६६, बंगाल २४७, आसम ७११, मध्यप्रदेश १०८, उत्तरप्रदेश ८९०, मुम्बई ११८, पंजाब ४१९, रंगून १६७, नेपाल १५४, चीन ६४२, अजमेर १६७, हरिद्वार २७२, बीकानेर २१३, सूरत १२८, अमेरिका ३२२, यूरोप ७९६ । मास ध्रुवा - चैत्र ६१, वैशाख ६३, ज्येष्ठ ६५, आषाढ़ ६७, श्रावण ६९, भाद्रपद ७१, अश्विन ७३, कात्तिक ५१, मार्गशीर्ष ५३, पौष ५५, माघ ५७, फाल्गुन ६५ । सूर्यराशि ध्रुवा - मेष ५२०, वृष ७६२, मिथुन ५१०, कर्क २१८, सिंह ८३०, कन्या२६०, तुला ५०३, वृश्चिक ७११, धनु ५२४, मकर ५५४, कुम्भ २७०, मीन ५८६ । तिथि ध्रुवा - प्रतिपदा ६१०, द्वितीया ७१०, तृतीया ४८१, चतुर्थी ३५७, पंचमी ६३४, षष्ठी ३०४, सप्तमी ८१२, अष्टमी १११, नवमी ५६५, दशमी ३०५, एकादशी २३३, द्वादशी २६१, त्रयोदशी ५२४, चतुर्दशी ५५२, पूर्णिमा ६३०, अमावस्या १६६ ।
वार ध्रुवा - रविवार १३७, सोमवार ९४, मंगल ८०९, बुध ७०२, गुरु ७१३, शुक्र ८०८, शनि ८५ ।
संसार का कुल ध्रुवा - २०८५ ।
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