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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (150) नहरुआ (बाला) रोग १. गाय का घृत २५० ग्राम ३ दिन प्रतिदिन पीने से नहरुआ रोग मिटता है। २. एरंड की जड़ का रस १२.५ ग्राम, गाय का घृत २५ ग्राम ७ दिन तक लगातार पीने से भी बाला रोग मिट जाता है। 3. नाहरू रोग शान्त-रविवार के दिन सर्प की कंचुली लाकर थोड़े से गुड़ में एक रत्ती भर मिलाकर दे देने से नाहरू रोग शान्त हो जाता है। 4. शातावरी पिलावें तो बाला (नारूरोग) जाय। 5. हींग १२.५ ग्राम रात दिन सोवे नहीं जन्म भर वाला नहीं निकले, (२४ घंटे जागता रहे)। 6. हिंगोटा की जड़ ३१ ग्राम, पीपल २५ ग्राम, घोट पीवें जन्म भर बाला न हो। (151) सर्प के काटने पर 1. सर्प औषधि- वासा (अडूसा) के पत्तों का रस पीने से और हींग के साथ सूघने से आठ __ प्रकार के सों से काटा हुआ पुरुष भी उठ जाता है। 2. सम्पूर्ण सर्प औषधि- पुनर्नव(साठी) की जड़ को पीने, सूंघने, अंजन करने, और लेप __ करने से सर्पो के सम्पूर्ण विषों को क्षण मात्र में नष्ट करने के लिये समर्थ है। 3. सर्पदंश पर- कनेर की पत्तियों को पीसकर लगाने से तुरन्त लाभ होता है। 4. सर्प जहर निवारण- सेंधा नमक, काली मिरच, नीम के बीज, ये सम मात्रा में मिलाकर पानी से घिसकर पिलाएं तो सर्प का विष नाश होता है। 5. सर्प जहर पर तंत्र- गोभी का रस घृत में पिलाए सर्प का विष मिटे। 6. सहजना के बीजों के सिरस के फूलों के रस की ७ पुट देवें, फिर उसका अंजन करें तो सर्प का जहर उतर जाता है। 7. सर्प विष नाशक- आक की तीन कोपलें गुड़ में लपेटकर खिलावें और उसके ऊपर घृत पिलावें। 8. जामुन का २॥ पत्ता पानी में पीसकर पीने से सर्प का विष उतरता है। 9. समुद्र फल को महीन पीसकर आँखों में आँजने से सर्प का विष उतरता है। (152) बिच्छुके काटने पर 1. बिच्छु औषधि- मंदार (आक) के पत्तों के रस को नाक और कान में डालने से द्वीरसना सर्प, कनछला, बिच्छु का विष नष्ट होता है। 584
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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