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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
__ मुनि प्रार्थना सागर
(98) घुटनों का दर्द 1. मेहंदी और अरण्ड के पत्ते पीसकर लेप करने से घुटनों का दर्द मिटता है। 2. साबुन और मेहंदी के पत्ते पीसकर लेप करने से घुटनों का दर्द मिटता है। 3. माजुम सुरेजानं, १२.५ ग्राम गर्म पानी से लेवें तो दर्द घुटने का अच्छा होता है। 4. गोरखमुण्डी के ६.४ ग्राम चूर्ण की गर्म जल के साथ फाकी लेने से सन्धि-वात
मिटती है। 5. घुटनों पर तेल लगाकर ऊपर सोंठ बुरक कर , मसलकर पुरानी रुई बाँधने से पीड़ा
मिटती है। 6. अडूसा और अरण्ड के पत्तों को अरण्ड के तेल व पानी में औटाकर बफरा देने से रगों
की पीड़ा मिट जाती है। 7. तिलों की खल को कूट कर थोड़ा पानी मिलाकर पकावें और घुटनों पर बाँधे तो दर्द मिटता है।
(99) गठिया रोग 1. नागकेशर के बीजों के तेल का मर्दन करने से गठिया रोग मिटता है। 2. अखरोट की गिरी खाने से खून शुद्ध होकर गठिया मिटती है। 3. मालकांगनी के बीजों की फाकी लेने से गठिया रोग और वात रोग मिटता है। 4. प्रतिदिन ५० ग्राम से बढ़ाकर पावभर तक बादाम खाने से गठिया रोग मिटता है। 5. गज पीपल को पानी में घिसकर गर्म करके लेप करने से गठिया का दर्द मिट जाता है। 6. पुराना गठिया का तीव्र रोग मिटाने के लिये- कुचेला, सोंठ और सांभर सींग को
पीसकर लेप करने से फायदा होता है। इससे स्नेह सम्बन्धी रोग भी मिटते हैं। 7. गठिया का रोग मिटाने के लिये- मेहंदी के ताजे पत्ते पीसकर रात में सोते समय गाढ़ा
लेप करना चाहिये। जब तक गठिया न मिटे तब तक करते रहें। 8. राई का प्लास्टर करने से गठिया का दर्द मिट जाता है। 9. कच्चे करेले के रस को गर्म करके लेप करने से गठिया मिटती है। 10. गठिया के दर्द पर केरोसिन तेल लगाने से भी फायदा होता है।
(100) शून्य-वात-लकवा रोग 1. तुम्बे के बीजों को पीसकर लेप करने से लकवा (पक्षाघात) रोग मिट जाता है। 2. उड़दों के आटे के बड़ों को तेल में पकाकर मक्खन के साथ खाने से मुँह का लकवा
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