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स्वास्थ्य अधिकार
मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
सागर
( 38 ) स्मरण-शक्ति १. घी और दूध के साथ .८ ग्राम (१ माशा) बच का चूर्ण लेने से स्मरण शक्ति तीव्र हो
जाती है। २. ब्राह्मी का बनाया हुआ घृत खाने से स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती है। ३. गिलोय-सत्व, अपामार्ग की जड़, बायबिडिंग, शंखावली का पंचांग, कूट, वच,
शतावरी और हरड़ इन सब का चूर्ण बनाकर दोनों समय २.४ - २.४ ग्राम (३-३
माशा) दूध के साथ लेने से स्मरण शक्ति तीव्र हो जाती है। ४. मालकांगनी का तेल खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। ५. हल्दी, बच, कूट, पीपल, सोंठ, जीरा, अजमोद, मुलेठी, महुवा, सेंधा नमक इन
सबको बराबर लेकर महीन पीसकर ४.८-६.४ ग्राम (६-८ माशा) मक्खन के साथ २१ दिन तक खाने से श्रुतधर हो जाय, स्मरण शक्ति तीव्र हो जाय।
(39) अति बद्धि बढे 1. ताम्र कांडी (लाल चंदन) तथा ब्राह्मी के चूर्ण को घी के साथ चाटकर या केवल
ब्रह्मी को ही खाने से बालक की बुद्धि बृहस्पति सी बढ़ जाती है। 2. सफेद वच, लालचन्दन, ब्रह्मी, कुट, सफेद मूसली और मालकांगनी के बीज
को समान मात्रा में मिलाकर जो दूध के साथ एक-दो ग्राम मात्रा में सेवन
करता है उस की बुद्धि बृहस्पति के समान हो जाती है। 3. बुद्धिवर्द्धक दवाएं- दिन के समय दूध, तेल या घी के साथ चूर्ण की हुई
षड्गधा (सफेद वच) को सेवन करने से सम्पूर्ण ग्रंथों का स्मरण कर सकता
है और कभी नही भूल सकता। 4. जो बालक आंवले के फल और सुवर्ण (धतूरा) अथवा सुवर्ण भस्म के चूर्ण
को घी के साथ मिलाकर चाटता है उसकी बुद्धि बृहस्पति के समान बढ़
जाती है। 5. दूध में कल्क की हुई मूलहठी या भांखपुश्पी पीने से बालकों की बुद्धि खूब
बढ़ती है और वाणी भाद्ध होती है। 6. ब्राह्मी, वच, कूट, सोंठी, मुन्डी, जीरा, इन ६ चीजों को बराबर लेवें चूर्ण कर रखें।
रोज सुबह २.४ ग्राम चूर्ण ठंडा पानी के साथ लेवें। ५० दिन लेने से (खाने से)
स्मरण शक्ति बढ़ती है। 6. अभ्रक भस्म को वायविडिंग तथा त्रिकुटा चूर्ण के साथ देने से मस्तिष्क शक्ति
बढ़ती है।
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