SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सरल सामुद्रिक शास्त्र अंगुलियों में चक्र मायासु दशमिश्चक्रः राजा योगीश्वरोऽथवा । दशभिः शुक्तिभिः सर्वावस्थासु बहुदुःखदा । । यदि व्यक्ति की दसों अंगुलियों में चक्र हो तो मनुष्य राजा या योगी होता है। आशय यह है कि संसार में रमा रहेगा तो भी उच्च स्थिति में रहेगा तथा विरागी होकर भी ऊँची स्थिति में योगीश्वर होगा यदि दशों अंगुलियों में शंख होगा तो जातक असफल एवं धनहीन होता है सफलता के अन्य लक्षण पाये जाने पर यह बात नहीं लागू होगी। अभ्यास प्रश्नावली 1. तर्जनी अंगुली के बारे में लिखें । 2. अंगुलियों से आयु का विचार कैसे होता है ? 3. अंगुलियों पर पाये जाने वाले शंख एवं चक्र का फल लिखें । 4. राजयोग वाले हाथ में किस प्रकार की अंगुलियां पायी जाती हैं ? 60
SR No.009374
Book TitleSaral Samudrik Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorArunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year
Total Pages88
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy