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सरल सामुद्रिक शास्त्र
अंगुलियों के नाम अड् करशाखाः स्युरड्गुल्यः करपल्लवाः । त्रिपुराः करजाम्बाश्च मायाः कर्मायुधा मताः
इसी क्रम में आठ नाम अंगुलियों के भी पाये गये हैं जो इस प्रकार है अंगुली, करशाखा, करपल्लव, त्रिपुरा, करजा, कराम्बा, माया, कर्मायुधा आदि।
अंगुलियों के वर्ण (रंग)
अंगुलियों के रंग पांच प्रकार के माने गये हैं। भूरा, लाल, पीला, सफेद व काला।
अंगुलियों का वर्ण ज्ञान ब्राह्मणाः क्षत्रिया वैश्याः शूद्राः स्युः करपल्लवाः। कनीनिकाद्या हंसोऽपि योगवान वर्णवर्जितः।।
तर्जनी का शूद्र वर्ण है, मध्यमा का वैश्य वर्ण है अनामिका का क्षत्रिय और कनिष्ठा का ब्राम्हण वर्ण है। अंगूठे को योगी मान कर किसी भी वर्ण में नहीं रखा गया है।
अंगुलियों में गन्ध
तर्जनी का सम्बन्ध दुर्गन्ध से है। अंगूठे का सुगन्ध से कनिष्ठा व मध्यमा का कोई गंध नहीं अर्थात वे गन्ध रहित होती है।
अंगुलियों के बीच का छिद्र
तर्जनीमध्यमारंध्रे मध्यमानामिकान्तरे। अनामिकाकनिष्ठान्तः दिने सति यथाक्रमम् ।।
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