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सरल सामुद्रिक शास्त्र
काल्पनिक और प्रेमी सा व्यवहार करता है। ऐसा बाल जो कड़ा हो तथा रूखा एवं कड़ा हो तो व्यक्ति भी कड़ा, रूखा और निर्दयी होता है। अधिक बालों वाला व्यक्ति पंडित और गणी होता देखा गया है।
बिना केशों वाला व्यक्ति अधिक धनी, सुखी अथवा दरिद्री होता है। 'खल्वाट् क्वचिदपि दरिद्रोः । शरीर पर, बाह पर जहां रोम होते हैं वे सिर के बालों से भिन्न होते हैं। यदि कांख में रोम अधिक हों तो व्यक्ति दुःखी होता है। हृदय पर रोम वाला व्यक्ति दयालु होता है, रोम से रहित व्यक्ति को शास्त्रकार 'दुःखी' कहता है।
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