SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 86
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर (1) आंखपीड़ा शांत- ॐ सिद्धिः चटकि धाउ पटकी फू टइ फूं जुन बंधइ रकुन वहइ वाट घाट ठः ठः स्वाहा। विधि-अरणी कंडे की राख को १०८ बार मंत्रित कर आँख पर लगाने से आंख की पीड़ा शांत होती है। (2) आंखपीड़ा शांत- ॐ चन्द्रमीलि सूर्य मीलि स्वाहा। विधि- इस मंत्र से डोरे को २१ बार मंत्रित करके जिसकी आंख (चक्षु) दुखती हो, उस मनुष्य के कान में उस डोर को बांधने से चक्षु रोग पीड़ा नष्ट होती है। (3) नेत्र पीड़ा दूर मंत्र- ॐ (नमो भगवते) ह्रीं श्रीं क्लीं क्षां क्षीं नमः (स्वाहा) विधि- भोज पत्र पर लिखकर गले में बांधने से आई हुई आंखे ठीक होती हैं। नेत्र पीड़ा दूर होती है। (4) नेत्र अच्छा होने का मंत्र- ॐकाली कंकारू वाली महापत्र राली हूँ फट स्वाहा। विधि- इस मंत्र से १०८ बार भस्म मंत्रित कर आंख पर पट्टी बांधने से नेत्र अच्छे होते हैं। (5) नेत्र रोग विनाशक मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ णमो सव्वोहिजिणाणं अक्षिरोग विनाशनं भवतु। (6) आंखों का दर्द दूर करने का मंत्र- ॐ ह्रीं क्लीं क्रों सर्व संकट निवारणेभ्यो श्री पार्श्वनाथ यक्षेभ्यो नमः स्वाहा। विधि- इस मंत्र की १०८ बार जप करना चाहिए। (7) आंख का मंत्र- ओं नमो सलस समुद्र सोल समुद्र में पंखणी क झरै, अमकड़ीया की आँख अमी संचरे, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा। विधि- नमक की सात डली व थोड़ी राख बारह बार अभिमंत्रित कर आंख को छुआ कर अग्नि में डाल दें तो दुखती आंख ठीक होती हैं। (8) शान्ति, कुन्थु अरहो अरिटुनेमि, जिनंद पास होई समरंताणं निच्चं चक्खु रोग पणासई। विधि- किसी भी आंख के रोग पर एक माला फेर कर झाड़ा दें, तो आंख ठीक हो। (98) कान (कर्ण)रोग विनाशक मंत्र (1) कान की पीड़ा- ॐ क्षां क्षं क्षं। विधि- इस मंत्र से कान का दर्द मिटता है। (2) बहरापन दूर एवं निद्रा का नाश- ॐ ऋषभाय हनि-हनि हन हनि स्वाहा विधि- मंत्र को २१ बार या १०८ जपने से कषायेन्द्रि का उपशम होता है। विशेष तो - 178
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy