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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
ॐ सं नमः हृदयादि दक्षिण पादे, स हृदय एवं दाहिने पांव के बीच ॐ० हं नमः हृदयादि वाम पादे, ह हृदय एवं बायें पांव के बीच ॐ शं नमः हृदयादि जठरे
क्ष हृदय एवं नाभि के बीच न्यसेत् स्थापयेच्च। ९ समस्त प्रतिमाओं पर पुष्प क्षेपण करें- अर्थात् भगवान ध्यान में मग्न हो गये। मंत्र- १. ॐ णमो सिद्धाणं भगवान स्वयंभू रत्नसुनिविष्ठो भवत्विति स्वाहा।
२. ॐ षट्प्रकार अन्तरंग तपोनिष्ठाय जिनाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा। अर्घ्य- ॐ ह्रीं षट्प्रकार बाह्यतपो धारकाय जिनाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा। ३०. प्रतिमा के सामने बोधि समाधि यंत्र को स्थापित करें। ३१. प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि क्षेपित करें। मंत्र- ॐ संस्कार मालारोपणप्रतिज्ञायै प्रतिमोपरि पुष्पाञ्जलिं क्षिपेत् ३२. भगवान के गुणारोपण के अर्घ चढ़ाएं
ॐ ह्रीं अप्रमृत्त गुणस्थान रूढ़ अधः करण प्रवृत्ति मिथ्यात्वादि दशकर्म सत्ता
रहिताय श्री जिनाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा। २. ॐ ह्रीं अपूर्व करण गुणस्थानारूढ़ श्री जिनाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा। ३. ॐ ह्रीं अनिवृत्तिकरण गुणस्थानारूढ़ षट्त्रिंशत्प्रकृति विदारकाय श्री जिनाय अर्घ
निर्वपामीति स्वाहा। ४. ॐ ह्रीं सूक्ष्मसाम्पराय गुणस्थानारूढ़ लोभ प्रकृति विदारणाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा। ५. ॐ ह्रीं क्षीणकषाय गुणस्थानारूढेकत्व वितर्कावीचार शुक्लध्यान धारकाय श्री
जिनाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा। ६. ॐ ह्रीं यथाख्यात चारित्र धारकाय श्री जिनाय अर्घ निर्वपामीति स्वाहा।
संस्कारमालारोपण क्रिया/मंत्र ३३. प्रत्येक मंत्र के साथ प्रतिमा के सिर पर लौंग चढ़ाएं। १. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सद्दर्शन संस्कारः स्फुरतु स्वाहा।
मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सज्ज्ञान संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ३. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सच्चारित्र संस्कार: स्फुरतु स्वाहा।
मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सत्तपः संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सद्वीर्यचतुष्टय संस्कारः स्फुरतु स्वाहा।
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