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विपय
अनुक्रमाङ्क
पृष्ठा २५ श्रीमत् अरनाथ की कथा
२४१-२४६ २६ महापद्म चक्रवर्ती की कथा
२४७-२८. २७ हरिपेण चक्रवर्ती की कथा
२८१-२८१ २८ जय चक्रवती की कथा
૨૮૪–૨૮૮ २९ दशाणभद्र की कथा
२८८-३०७ ३० चार प्रत्येकयुद्ध के नाम
३०८-३१० ३१ करकण्डू राजा की कथा
३१०-६४० ३२ द्विमुख राजा की कथा
३४०-३५५ ३३ नगगति राजा की कथा
३५५-३९६ ३४ उदायन राजर्षि की कथा
३९७-४४३ ३५ काशीराज नन्दन वलदेव की कथा
४४४-४४५ ३६ विजयराज की कथा--
४४६-४४७ ३७ महावलराज की कथा
४४७-४६४ ३८ उन्नीसवें अध्ययन का प्रारम और उम की अतरणि का -४६५ ३९ मृगा पुत्र के चरित्र का वर्णन
४६६-५६९ ४० वीसवें अध्ययन का मारभ और महानिग्रन्थ के स्वरूपका वर्णन ५७०-६३२ ४१ इक्कीसवें अध्ययन और एकान्तचर्या मे समुद्रपाल मुनिका दृष्टान्त ६३३-६६१ ४२ वाईसवा अध्ययन और नेमिनाथ के चरि का वर्णन ६६२-८१८ ४३ तेवीसवा अ-ययन और पार्श्वनाथ के चरित्र का निरूपण ८१९-९७० ४४ चोईसवाँ अ ययन-अष्ट प्राचन माताओं का वर्णन ९७१-९९५