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________________ ००८ तTurn तथा- मूलम् -- अंहिंवेगतर्दिट्टीए, चरिते पुत्तं । दुरे । जवां लोहमैया चेर्व, चावेयंव्या सुटुक्कै ||३८|| छाया - अहिन्ति ष्टया चारित्र पुत्र ! दुधरम् । या लोहमया इन चरितव्याः सुदुष्करम् ||३८|| टीका--' अहि' इत्यादि । हे पुत्र ! साधुः अहिरि=सर्प इन एकान्तदृष्ट्या चरेत् । अय भाव. - यथा सर्प कष्टथा = अनन्याप्तिया दशा मार्गे चरति, तथैव साधुरपि एकान्तु दृष्ट्या = अनन्याक्षिप्तया बुद्धा चारित्रमार्गे चरेदिति । परन्तु विषयेभ्यो मनसो दुर्निवारत्वादिद चारित्र दुश्वरम्= दुःखेनाचरणीयम् । किं च यथा लोहमया लोहनिर्मिता यवायितव्या दुपरा, नथैवेद चारित्र सुदष्करम् = सुदुश्वरम् । लोहमययवचर्वणवत् चारित्र सुदुष्करमिति भार ||३८|| फिर सुनो- 'अहिवेगतदिद्वीप' इत्यादि । अन्वयार्थ - हे पुत्र ! (अहिवेगत दिट्टीए-अहिरिव एकान्त दृष्टा साधु मार्गे चरेत् ) सर्प जिस प्रकार अपने चलने योग्य मार्ग पर इधर उधर दृष्टि डालकर नही चलता है किन्तु उसी एक अपने उसी मार्ग पर दृष्टि जमा कर चलता है उसी तरह साधुका भी यही मार्ग है कि वह भी चारित्र मार्ग पर चलता हुआ इधर उधर न देखकर उसी और लक्ष्य लगाकर चलता रहे परन्तु यह चलना रूप (चरित - चारित्रम्) चारित्र (दुकर - दुष्करम् ) दुष्कर है। क्यों कि मन का विषयों से हटाना बहुत कठिन काम हैं । तथा (चैत्र - इव) जैसे (लोहमया जवा-लौहमया यवाः) लौह यवा (चावेयन्वा - चर्वितव्या) चबाना दुष्कर है उसी प्रकार चारित्र भी है । दुष्कर इरी सामणी - " अहिवेगत दिट्ठीए " धत्याहि अन्वयार्थ —पुत्र | अहिवेगतदिट्ठीए - अहिरिव एकान्त दृष्ट सर्च अ પાતાના ચાલવાના માર્ગથી આડીઅવળી ષ્ટિ ફેરવીને ચાલતા નથી, પરંતુ પાતે જે તરફ જાય છે એ તર≤ જ સીધી ષ્ટિ રાખીને જ ચાલે છે આજ પ્રમાણે સાધુને પણ એજ માગ છે કે, તે પશુ ચારિત્ર માર્ગ ઉપર ચાલતા આડુ અવળુ ન જોતા ये तरई ४ सक्ष राजीने यासता रहे है परंतु या यादवा ३५ चरिते चारित्रम् ચારિત્ર दुक्कर- दुष्करम् ०५२ छे उभ भननु विषयेोथी हटाव धारा ४ शु लोहया जवा-लौहमया यत्रा बढाना यशाने चावयन्वा - ચિંતા ચાવવા એ દુષ્કર છે. એજ પ્રમાણે ચારિત્ર પાળવુ પણુ દુષ્કર છે
SR No.009354
Book TitleUttaradhyayan Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1961
Total Pages1130
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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