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(श्री दशवेकालिकनका सम्मतिपत्र ) ॥ श्रीवीरगौतमाय नमः ॥ सम्मत्ति - पत्रम्
मए पडियमुणि-हेमचदेण य पंडिय-मूलचन्दवासवारा पत्ता पडिय - रयण-मुणि- घासीलालेण विरइया सकय-हिंदी-भाषाहिँ जुत्ता सिरि- दसवेयालिय नाम सुत्तस्स आधारमणिमजूसा वित्ती अवलोइया, इमा मणोहरा अत्थि, एत्थ सक्षण असतो अत्थो वण्णिओ विरजणाण पाययजणाण य परमोवयारिया इमा वित्ती दीसइ ! आयारविसए वित्तीकत्तारेण अइसयपुच्च उल्लेहो कडो, तहा अहिंसाए सत्व जे जहा तहा न जाणति तेसिं इमाए वित्तीय परमलाही भविस्सर, कत्तुणा पत्तेयविसयाण फुडरुवेण वण्णण कडे, तहा मुणिणो अरहत्ता इमाए वित्तीए अवलोयणाओ अइसयजुत्ता सिज्झइ ! सक्कपछावा सुत्तययाण पयच्छेओ य सुबोहदायगो अत्थि, पत्तेयजिण्णासुणो इमा वित्ती दव्वा । अम्हाण समाजे एरिसविज्ज- मुणिरयणाण सम्भावो समाजस्त अहो भग्ग अस्थि, कि ? उत्तविज्ज मुणिरयणाण कारणाओ जो अम्हाण समाजो सुत्तप्पाओ, अम्हकेर साहिच्च च लत्तप्पाय तेर्सि पुणोवि उदओ भविस्सह जस्स कारणाओ भवियप्पा मोक्खस्स जोग्गो भविता पुणो निव्वाण पाविहि अओह आधारमणि-मजूसाए कत्तुणो पुणो पुणो धन्नवाय देमि ॥
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वि. स. १९९० फाल्गुन
शुक्लत्रयोदशी मङ्गले (अलवर स्टेट )
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उवज्झाय जइण- मुणी, आयारामो ( पचनईओ )