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मनगारधर्मामतवर्षिणी गेका २०१२ मातोदकविषये सुषुधियान्त ६८७ देवाणुप्पिया ! अप्पाण च परं च तदुभय वा बहहि य असभावुन्भावणाहि मिच्छत्ताभिणिवेसेण य बुग्गाहेमाणे चुप्पाए. माणे विहराहि, तएण सुवुद्धिस्स इमेयारूवे अज्झथिए- अहो ण जियसत्तू सते तच्चे ताहिए अवितहे सन्भूए जिणपण्णत्ते भावे णो उवलभति, सेय खलु मम जियसत्तुस्स रपणो सताणं ताण तहियाण अवितहाण सम्भूताण जिणपण्णत्ताण भावाणं अभिगमणट्टयाए एयमह उवाइणावेत्तए, एव सपेहेइ, संपेहित्ता पच्चतिएहि पुरिसेहि सद्धि अंतरावणाओ नवए घडएय गेण्हइ, गेण्हित्ता सझाकालसमयसि पविरलमणुस्संसि णिसंतपडिनिसंतसि जेणेव फरिहोदए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता त फरिहोदगं गेण्हावेइ गेण्हावित्ता नवएसु घडएसु गालावेइ गालावित्ता नवएसु घडएसु पक्खिवावेइ पक्खिवावित्ता लछियमुहिते करावेइ करावित्ता सत्तरत्त परिवसावेह दोच्चपि नवएसु घडएसु, गालवेइ गालवित्ता नवरसु घड. एसु पक्खिवावेइ पक्खिवावित्ता सजक्खार पक्खिवावेइ लछियमुदिते करावेइ करावित्ता सत्तरत्त परिवसावेइ तच्चपि णवएसु घडएसु जाव सवसावेई एव खलु एएणं उवाएणं अतरा गलावमाणे अतरा पक्खिवावमाणे अतराय विपरिवसावेमाणे २ सत्त२ राईदिया विपरिवसावेइ, तएणं से फरिहोदए सत्तमसत्तयसि परिणममाणसि उद्गरयणे जाए यावि होत्था अच्छे पत्ये जच्चे तणुए फलिहवण्णाभे वपणेण उववेए