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अनगारधर्मामृतवर्षिणी टीका अ.१सूत्र. ५० मेघमुनिगतिनिरूपणम् अवेयकविमानावासशतानि, प्रथमवेयकस्यैकादशाधिकैकशतं विमानानि सन्ति, द्वितीयस्य सप्ताधिकशतं तृतीयस्य शतं विमानानि, तानि व्यतिक्रम्य विजये महाविमाने देवत्वेनोत्पन्नः । तत्र खलु अस्त्ये केषां देवानां त्रयस्त्रिंशत् सागरोपमास्थितिः प्रज्ञप्ता, तत्र खलु मेघस्यापि देवस्य त्रयस्त्रिंशत् सागरोपमा स्थिनिः प्रज्ञप्ता । एष खलु हे भदन्त ! मेघो देवः तस्मादेवलोकात् 'आउक्ख एणं' विमोणवाससए वीइवइत्ता विजये महाविमाणे देवत्ताए उववण्णे ) यहां से उर्ध्व लोक में विजय नाम के महा विमान में देव की पर्याय से उत्पन्न हुए हैं। यह विमान ज्योतिषचक्र चन्द्र, सूर्य ग्रह नक्षत्र तारा गणों से बहुत योजन ऊपर है। अनेक शत योजन ऊपर है बहत हजार योजन ऊपर है। बहत लाखों योजन ऊपर है। बहुत करोड योजन ऊपर है । बहुत कोटि कोटि योजन ऊपर है। तथा सौधर्म ईशान, सनत्कुमार माहेन्द्र, ब्रह्मलोक, लान्तक, महाशुक्र, सहस्रार, आनत, प्राणत, आरण, अच्युत इन देवलोकों के भी ऊपर है। तथा ३१८, ग्रंवेयक विमानों के ऊपर है। इनमें १५१, विमान प्रथम ग्रैवेयक के हैं। १०७, विमान द्वितीय ग्रेवेयक के हैं। १००, विमान तीसरे ग्रैवेयक के हैं। सो इन सब को उल्लंघन करके ऊपर में वह विजय नामका विमान स्थित है। (तत्थण अत्थेगइयाणं देवाणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णता) वहां पर कितनेक देवों की ३३ तेतीस सागर की स्थिति कही गई है। ( तत्थणं मेहस्स वि देवस्स तेतीसं सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता) मेघकुमार देव की भी वहां ३३ सागरोपम की स्थिति कही गई है। ( एस णं भंते मेहे अट्ठारसुत्तरे गेवेज्जविमाण वाससए वीइवइत्ता विजये महाविमाणे देवत्ताए उबवण्णे) मडी थी Gawi वियनामना महाविभानमा हेवना पर्यायथा જન્મ પામ્યા છે. આ વિમાન જ્યોતિષચક ચન્દ્ર, સૂર્ય, ગ્રહ, નક્ષત્ર તારાઓથી ઘણા यो यु छ. सौधम, ध्यान, सनभार माउन्द्र, प्रसार, भडाणु, ससार, આનત, પ્રાણત, આરણ, અશ્રુત આ બધા દેવલોકથી પણ ઉપર આ વિમાન છે. તેમજ ત્રણ અઢાર વેયક વિમાનેથી ઉપર છે. આ ગ્રેવેયક વિમાનમાં એક અગિયાર વિમાન પ્રથમ ગ્રેવેયક છે. એકસો સાત વિમાન દ્વિતીય સૈવેયક છે. સો વિમાન ત્રીજા રૈવેયક છે. આ બધાને ઓળંગીને સૌથી ઉપર આ વિજ્યનામનું વિમાન રહેલું છે. (तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं तेत्तीसं सागरोवमाईठिई पण्णता) त्या ४८ets हेवानी तेत्रीस सा२ २सी स्थिति मतावाम मावी छ. (तत्थणं मेहस्स वि देवस्स तेत्तीस सागरोक्माईठिई पण्णत्ता) भेभा२ हेवनी पर त्या त्रास