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________________ भगवती सूत्रे छाया-कतिविधः खलु भदन्त ! आयुर्बन्धकः प्रज्ञप्तः ? गौतम ! पड़ विधः आयुर्वन्धकः प्रज्ञप्तः, तद्यथा - जातिनाम निघत्तायुष्कः, गतिनामनिधत्ता युष्कः, स्थितिनाम निघत्तायुष्कः, अवगाहनानामनिधत्तायुष्कः, प्रदेशनामनिधत्ता युष्कः अनुभागनामनिधत्तायुष्कः, दण्डको यावत्-वैमानिकानाम् । जीवाः खलु भदन्त ! किं जातिनामनिधत्ताः ? यावत् - अनुभागनामनिधत्ताः ? गौतम ! आयुष्यबन्धवक्तव्यता'कविणं भंते' इत्यादि । ११८ सूत्रार्थ - (कविणं भते ! आउयबंध पण्णत्ते) हे भदन्त ! आयुका बंध कितने प्रकारका कहा गया है ? (गोमा) हे गौतम ! (छवि आउयधए पण्णत्ते) आयुका वध ६ प्रकारका कहा गया है । (तंजा) वह इस प्रकार से है (जाइनाम निहत्ताउए, गड़नाम निहताउए, ठिइनाम निहत्ताउए, ओगाहणा नाम निहत्ताउए, पएसनामनिहत्ताउए, अणुभागनाम निहत्ताउए) जातिनाम निघत्तायु १, गतिनाम निघत्तायुर, स्थितिनामनिधत्तायु३, अवगाहनानामनिधत्तायु४, प्रदेशनामनिधत्तायु और अनुभागनामनिधत्तायु६ (दंडओ जाव वेमाणियाण) यह यावत् वैमानिकों तक दण्डक कहना चाहिये (जीवा णं भंते । किं जाइनामनिहत्ता) हे भदन्त ! जीव क्या जातिनामनिघत्तरूप हैं ? (जाव अणुभागनामनिहत्ता) यावत् अनुभागनाम निघत्तरूप हैं ? આચુષ્યમ ધની વકતવ્યતા~'fato fa l' welf सूत्रार्थ - (कइविणं भंते ! आउयवंधर पण्णत्ते ? ) हे महन्त ! आायुना मंधना डेंटला अडार ४या छे ? (गॉयमा !) डे गौतम । ( छन्वीहे आउयबंधए पण्णत्ते) आयुना मंधना छ अक्षर (तंजहा) ते अरोमा प्रभाहो - (जाइनाम निहत्ताप, गइनाम निहत्ताउए, ठिइनामनिहत्ताउए, ओगाहाणानामनिहत्ताउए, पएस नाम निहत्ताउए, अणुभागनाम निहत्ताउए ) (१) लतिनाभ निघत्तायु, (२) गतिनाम् निधात्तायु, (3) स्थितिनाम निघत्तायु, (४) अवगाड़नानाभ निघत्तायु, (4) પ્રદેશનામ નિધત્તાયુ અને (૬) અનુભાગનામ નિધત્તાયુ. (दंडओ जाव माणियाणं) नारथी बहने वैभानि पर्यन्तना २४ ६ उभां आयुध विषय साथ डेवाले (जीवा णं भंते । किं जाइनामनिहत्ता ? ) હે ભદન્ત! જીવા શું જાતિનામ નિધત્તરૂપ છે? ( जाव अणुभागनाम निहत्ता ) यावत् शुं अनुभागनाभ निघत्त३य है ? (गोयमा !) हे गौतम! (जाइनामनिहत्ता चि जाव अणुभाग निहत्ता चि) જીવા જાતિનામનિધત્તરૂપ પણ છે યાવત
SR No.009315
Book TitleBhagwati Sutra Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages880
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size50 MB
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