________________
भगवती
७७०
भवेत् ? एतावता विशेषणत्रयेणापि दुर्विशोध्यत्वमुक्तम् । अपरपक्षमाह - ' कयरे वा वत्थे सुद्धोयतराए चेव ' कतरद् वा व कर्दमरागरक्तं वा, खञ्जनरागरक्तं वा, सुधौततरकं चैव, सुप्रक्षालिततरं स्यात् ? 'सुवामतराए चैत्र ' सुवाम्यतरकं चैत्र, सुप्रक्षाल्यकलङ्क स्यात् ? ' सुपरिकम्मतराए चेत्र ' सुपरिकर्मतरकं चैत्र, मुसाध्यचित्रलेखनभङ्ग करणादिमक्रियं स्यात् ? उक्त विकल्पविषयमाह - जे वा से वत्थे कद्दमरागरते, जे वा से वत्थे खंजनरागरते ? ' यद् वा तद् वस्त्रं कर्दमरागरक्तम् ? यद्वा तद्वस्त्रं खअनरागरक्तम् ? अनयोर्मध्ये किम् दुःशोध्यं किश्व सुशोध्यं भवेदिति भगवत आशयः । उपर्युक्तं भगवद्वचनं श्रुत्वा गौतमः कथयति ' भगवं तत्थ णं जे से बस्थे कद्दमरागर ते ' हे भगवन् ! तत्र तयोर्वस्त्रयोमध्ये खलु
साध्य हो - होगी इन तीन विशेषणों द्वारा ऐसे वस्त्र में दुर्विशोध्यता प्रकट की गई है तथा ( कयरे वा वत्थे ) कौनसा वस्त्र - ( सुद्धोयतराए चेव ) सुधौततरक होगा जिसकी सफाई करना सरल हो ऐसा होगा, (सुवामतराए चेव ) सुवामतरक होगा जिसमें से धब्बे आदि रूप कलङ्क सरलता से निकाला जा सके ऐसा होगा तथा (सुपरिकम्मतराए
व) जिसमें चित्रोल्लेखन क्रिया एवं विशेष प्रकार की रचना करनेरूप क्रिया सुसाध्य हो ऐसा होगा अर्थात् (जे वा से बत्थे कमरागते, जेवा से वत्थे खंजनगर ) इन वस्त्रों के बीच में जो वस्त्र कमराग से रक्त है और जो यत्र खंजनराग से रक्त है, कौन सा वस्त्र दुःशोध्य होगा और कौन सा वस्त्र सुशोध्य होगा इस प्रकार से भगवान् के द्वारा पूछे गये वचन को सुन करके गौतम ने उनसे कहा - ( भगवं ) हे भगवन् (तत्थ णं जे से वत्थे कद्दमरागन्ते) इन दोनों वस्त्रों में से जो वस्त्र
વિશેષણેા દ્વારા એવા વજ્રમાં વિશાધ્યતા ( તેની સફાઇ કરવામાં મુરકેલી ) अ४८ ४री छे, तथा ( कयरे वा वत्थे सुद्धोयतरार चैव ) ४यु वख सुधौततर डशे-भेटले } }या वरने साई अश्वामां सरजता रहेशे १ " सुवामतराए चेव " કયા વસ્ત્રપરથી સરળતાથી ડાઘ દૂર કરી શકાશે ? सुपरिकम्मतराए चैव " ક્યા વજ્ર ઉપર ચિત્રાલેખન અને વિશેષ પ્રકારની રચના કરવી સુગમ થઈ थउशे १ प्रश्ननो लावार्थ मे छे " जे वा से वत्थे कदमरागरते, जे वा से वत्थे खंजनरागरत्ते " खेड व है ने डीयडथी भरडायेतुं छे भने जीलु વજ્ર કે જે પતગ રંગથી ખરડાયેલું છે, તેમાંથી ક્યુ વજ્ર દુઃÀાધ્ય ( મુશ્કેલીથી સફાઈ કરી શકાય તેવું ) હશે અને કયું સુશેાધ્ય (સુગમતાથી સફાઈ કરી શકાય તેવું) હશે ?
66