________________
মজি co৭eoঙ ইহুথিকাল ধামালাখাহি বি ৭৬ राकॉराच्छादितों वाहन(पालकी विशेषः, स्यन्दमानिका-पटाच्छादितचादन (म्यान, रूपा लोही-लोहकडाह-कडुच्छ्या परिग्गहिया भवति' लौही-लोहंकटाहकईच्छुयानि परिगृहीतानि भवन्ति, तत्र लौही-मण्डकादिपचनिका, लोहकटाही छोहमय पाकपात्रविशेषः, कडुच्छुयम्-परिवेपणपात्रविशेषों दर्वीपदेवाच्यो (कंडली) इतिमसिद्धम् । 'भवणी परिग्गहिया भवंति ' भवनानि परिगृहीतानि भवन्ति, 'देवी, देवीओं, मणुस्सा, मणुस्सीओ, तिरिक्खजोगियाँ, तिरिक्खनोणिणीओं परिग्गहियों ओ भवंति देवाः, देव्यः, मनुष्याः, मनुष्या, तिर्ययोनिकाः तिर्यग्र्योनयः तिरश्चयः परिगृहीता भवन्ति, "सिर्ण सयण-खम भंड-सचित्तीचित्त-मौसि-' याई दबाई परिग्गदियाई भवंति' आसन-शयन-स्तम्भ-भाण्ड-सचिंता चित्त पुरुष जिसे अपने कंधों पर रख कर ले चलते हैं ऐसी छोटी पालकी, बिल्ली-जिसमें घोडे जोते जाते हैं ऐसा यान विशेष, शिविका-शिखर जैसे आकार से आच्छादित हुआ वाहनविशेष - बड़ी पालकी, स्यन्दमानिका- म्याना, ये सय पूर्वोक्त स्थान पंचेन्द्रिय तियंचों द्वारा परिगृहीत होते हैं लोही-लोहाकडाह, कडुच्छुयां परिग्गहिया भवंति' लोढी -तवा, लोहकटाह-कंडाही, कडुच्छय-करछली, ये सब भी तिर्यंचों द्वारा परिगृहीत होते हैं (भवणा परिग्गहिया भवंति ) भवन भी इन तिर्यंचों द्वारपिरिगृहीत होते हैं। (देवा,देवीओ, मणुस्सा; मणुस्सीओ, तिरिक्खजोणिया तिरिक्खजोगिणीओ परिग्गहियाओ भवं. ति) इसी तरह से देव, देवीयां, मनुष्य, मनुष्यनियां, तिर्यंच पुरुषवेर्द, वाले और तिर्यंचनियां-तिथंच स्त्रीवेद वाले ये संव भी इनके द्वारा प. रिगृहीत होते हैं। ( आसण-सयंण-खंभ-भंड-सचित्तीचित्तमीसियाई पानी), यु-५ (सिंडीभ qतु पाउन ), Ale ( 1) શિબિકા (શખરના જેવા આકારથી આચ્છાદિત વાહન અથવા મોટી પાલખી) सन्मानि ( भ्यान ) ll asian ते परि २an डोय छ (लोही) alait ताप31, ( लोहकडाइ ) alदानी 3818, (कदुच्छुय) छी महिना
'मा परियड ४३ 'छ. ( भवर्णी परिंगहिया भवति') तिय या मनाना ५ परिब "शतi बाब छ (देवा, देवीओ, मणैरेसा, मर्गुस्सीओ, तिरिक्खजोणिया, तिरिक्खजौणिणीओ परिग्गहियाओ भवंति ) Ar'प्रमाणे हेव, દેવીઓ, મનુષ્ય, મનુષ્ય જાતિની સ્ત્રીઓ, તિ , તિર્યંચણીઓ, આદિ
तमना 43 Rusla य . ( आखण, समण, संभ भड, सपिचापित
-
८