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प्रमैयबन्द्रिका टीका श० ५ उ० १ २० २ रात्रिदिवसस्वरूपनिरूपणम् १९ रात्रिः पञ्चदशमुहूर्तानन्तरो दिवसः सातिरेका पञ्चदशमुहूर्ता रात्रिः, चतुर्दशमुहूतों दिवसः षोडशमुहूर्ता रात्रिः, चतुर्दशमुहूर्तानन्तरो दिवसः, सातिरेका पोडशमुहर्ता रात्रिः त्रयोदशमुहूतौ दिवसः सप्तदशमुहूर्ता रात्रिः, त्रयोदशमुहूर्तानन्तरो दिवसः, सातिरेका सप्तदशमुहूर्ता रात्रिः। यदा खलु जम्बूद्वीपे द्वोपे मुहुत्ताणतरे दिवसे, साइरेगा चउद्दस मुहत्ता राई) जब सत्तरह मुहूर्त से भी कुछ कम दिवस होता है,तब तेरह मुहर्त से भी कुछ अधिक रात्रि होती है। और जब सोलह मुहूर्त का दिवस होता है तब १४ चौदह मुहूर्त की रात्रि हो जाती है। जब सोलह मुहूर्त से कुछ कम दिवस होता है तष रात्रि कुछ अधिक चौदह मुहूर्त की हो जाती है । (पण्णरस मुहुत्ते दिवसे, पण्णरसमुहुत्ता राई ) जब पन्द्रह मुहूर्त का दिवस होता है तब पन्द्रह मुहूर्त की रात्रि होती है । (पण्णरस मुहत्ताणतरे दिवसे साइरेगा पण्णरसमुहुत्ता राई ) पन्द्रह मुहूर्त से कुछ कम जब दिवस होता है, तब कुछ अधिक पन्द्रह मुहूर्त की रात्रि होती है । ( चोद्दलमुहुत्ते दिवसे, सोलसमुहुत्ता राई ) जब चौदह मुहूर्त का दिवस होता है तब सोलह मुहूर्त की रात्रि होती है । (चोइसमुहुत्ताणंतरे दिवसे, साइरेगा सोलहमुहुत्ता राई ) जब चौदह मुहूर्त से कुछ कम का दिन होता है तब रात्रि कुछ अधिक सोलह मुहूर्त की होती है। (तेरसमुहुत्ते दि. वसे, सत्तरसमुहत्ता राई ) जप तेरह मुहूर्त का दिवस होता है तब मुहत्ताणतरे दिवसे, साइरेगा चउद्दसमुहुत्ता राई ) न्यारे सत्त२. मुडूत ४२di પણ કંઈક ટૂંકે દિવસ થાય છે, ત્યારે તેર (તેર) મુહૂર્ત કરતાં કંઈક વધારે સમયની રાત્રિ થાય છે, જ્યારે સોળ મુહૂર્ત નો દિવસ થાય છે, ત્યારે ચૌદ મુહૂર્તની રાત્રિ થાય છે, જ્યારે સેળ મુદ્દત કરતાં પણ કંઈક ઓછા સમયને દિવસ હોય છે ત્યારે ચૌદ મુહુથી કંઈક વધારે સમયની રાત્રિ થાય છે. (पण्णरसमुहुत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई )न्यारे १५५४२ मुतना हिवस थाय छे, त्यारे ५४२ मुतनी रात्रि थाय छे. (पण्णरसमुहुताणतरे दिवसे साइरेगा पण्णरसमुहुत्ता राई) न्यारे ५४२ मुहूतथा ४४४ टूहिक्स डाय छे, त्यारे २रात्रि ५४२ भुत थी ४४ मा डाय छ, (चोहसमुहुत्ते दिवसे, सोलस मुहत्वाराई)न्यारे १४न्यौ। भुतना हिवस थाय छे, त्यारे १६से मुहूतनी रात्रि थाय छे. (चोहसमुहुत्ताणतरे दिवसे, साइरेगा सोलस मुहुत्ता राई ) न्यारे દિવસ ચૌદ મુહૂર્ત કરતાં કંઈક ટૂંકે થાય છે, ત્યારે રાત્રિ સેળ મુહૂર્ત કરતાં