SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 553
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २९० सूत्रकृताने छम्मासिए अदुत्तरं च णं उक्खित्तचरगा णिक्खित्तचरगा उक्खि.. तणिक्खित्तचरगा अंतचरगा पंतचरगा लूहचरगा समुदाणचरगा, संसट्टचरगा असंसट्टचरगा तज्जायसंसटुवरगा दिठ्ठलाभिया अदिटुलाभिया पुट्ठलाभिया अपुठ्ठलाभिया भिक्खलाभिया अभिक्खलाभिया अन्नायचरगा उवनिहिया संखादत्तिया परिमित-. पिंडवाइया सुद्धेणिया अंताहारा पंताहारा अरसाहारा विरसाहारा लूहाहारा तुच्छाहारा अंतजीवी पंतजीवी आयबिलिया. पुरिमड्डिया निविगइया अमज्जभंसासिणो णो णियामरस, भोई ठाणाइया पडिमाठाणाइया उक्कुडुआसणिया णेसणिज्जा. वीरासणिया दंडायतिया लगंडसाइणो अप्पाउडा अगत्तया अकंडुया अणिट्ठहा (एवं जहोववाइए) धुतकेसमंसुरोमनहा. सव्वगायपडिकम्मविप्पमुक्का चिटुंति । ते णं एएणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं सामनपरियागं पाउणंति२ . बहु बहु आवाहंसि उप्पन्नति वा अणुप्पन्नंसि वा बहई. भत्ताई पच्चक्खंति पच्चक्खाइत्ता बहूई भत्ताई अणसणाए. छेदिति अणलणाए छेदित्ता जस्सहाए कीरइ नग्गभावे मुंडभावे अण्हाणभावे अदंतवणगे अछत्तए अगोवाहणए भूमिसेज्जा फलगसेज्जा कट्ठसेज्जा कैसलोए बंभचेरवाले परघरपवेसे लद्धावलद्धे माणावमाणणाओ हीलणाओ निंदणाओ गरिहणाओ खिसणाओ तज्जणाओ तालणाओ उच्चावया गामकंटगा. यावीसं परीसहोवसग्गा अहिया सिज्जति तमई आराहति, तमटुं.
SR No.009306
Book TitleSutrakrutanga Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages791
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size45 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy